बीआरएस विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना विधानसभा अध्यक्ष को फटकार लगाई
सर्वोच्च न्यायालय ने तेलंगाना विधानसभा अध्यक्ष द्वारा भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिकाओं पर निर्णय लेने में लगातार हो रही देरी पर कड़ी आपत्ति जताई है।
शीर्ष अदालत ने आज मौखिक रूप से कहा कि तेलंगाना विधानसभा अध्यक्ष के आचरण से न्यायालय की घोर अवमानना परिलक्षित होती है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई, न्यायमूर्ति विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ ने बीआरएस विधायक कौशिक रेड्डी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। रेड्डी ने बीआरएस छोड़कर कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए 10 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए न्यायालय में याचिका दायर की थी।
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