आज है पेरियार जयंती

पेरियार, जिनका पूरा नाम इरोड वेंकटप्पा रामासामी था, एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता, राजनीतिज्ञ और क्रांतिकारी थे। उन्हें 'द्रविड़ आंदोलन का जनक' भी कहा जाता है। उन्होंने 1925 में आत्म-सम्मान आंदोलन की शुरुआत की। तमिलनाडु में उनकी जयंती, 17 सितंबर को 'सामाजिक न्याय दिवस' के रूप में मनाया जाता है।

पेरियार एक दूरदर्शी सामाजिक सुधारक और जातिगत उत्पीड़न के खिलाफ अथक आवाज थे। पेरियार एक कट्टर नास्तिक और तर्कवादी थे। उनका मानना था कि धर्म और भगवान का विचार अंधविश्वास और शोषण को बढ़ावा देता है। पेरियार जाति व्यवस्था को भारतीय समाज में असमानता और शोषण का मूल कारण मानते थे। उनका मानना था कि जब तक जाति का विनाश नहीं हो जाता, तब तक भगवान, धर्म और शास्त्रों का विनाश जरूरी है। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों की पुरजोर वकालत की और उन्हें पुरुषों के समान दर्जा देने का समर्थन किया। उन्होंने बाल विवाह, देवदासी प्रथा और विधवाओं के पुनर्विवाह के निषेध का भी विरोध किया।

'दक्षिण भारत का सुकरात' के नाम से मशहूर, यह सुधारक और समाज में बदलाव लाने वाले व्यक्ति न्याय, सम्मान और समानता की लड़ाई में आज भी प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं।