• चुनाव आयोग पर कांग्रेस का गंभीर आरोप
  • एसआईआर प्रक्रिया को कांग्रेस ने बताया लोकतंत्र पर हमला
  • दिसंबर में दिल्ली में होगी विशाल रैली

Congress's serious allegation against the Election Commission: Called the SIR process an attack on democracy, a huge rally will be held in Delhi in December

नई दिल्ली में सियासी हलचल बढ़ाती हुई एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस महासचिव (संगठन) के. सी. वेणुगोपाल ने चुनाव आयोग की हालिया गतिविधियों को लेकर गंभीर सवाल उठाए। संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने बताया कि पार्टी ने 12 राज्यों के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों, विधायक दल के नेताओं, महासचिवों और वरिष्ठ नेताओं के साथ एसआईआर प्रक्रिया पर विस्तृत चर्चा की है — और इस चर्चा का सार साफ-साफ चिंता में डूबा हुआ दिखा।

वेणुगोपाल के अनुसार, कांग्रेस की प्रदेश इकाइयों में आम राय यही बन रही है कि चुनाव आयोग कुछ खास वर्गों के मतदाताओं को सूची से हटाने की एक सोची-समझी कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार में इस तरह के मामले पहले भी देखने को मिले थे और अब वही प्रक्रिया 12 राज्यों में लागू करने की तैयारी है।

असम के लिए चुनाव आयोग द्वारा घोषित किए गए विशेष संशोधन (एसआर) का जिक्र करते हुए उन्होंने इसे “लोकतंत्र को कमजोर करने का कुटिल प्रयास” बताया।

वेणुगोपाल का आरोप था कि आयोग की नीतियाँ न केवल पक्षपातपूर्ण दिखाई दे रही हैं, बल्कि पूरी प्रक्रिया को नैतिकता और लोकतांत्रिक सिद्धांतों से दूर ले जा रही हैं।

वेणुगोपाल ने केरल की स्थिति पर बोलते हुए कहा कि वहाँ स्थानीय निकाय चुनावों का दौर चल रहा है—पहला चरण 9 दिसंबर को होना है—और उसी दिन बीएलओ को अंतिम मतदाता सूची सौंपने का आदेश दे दिया गया है। केरल विधानसभा पहले ही एसआईआर प्रक्रिया को स्थगित करने का प्रस्ताव पारित कर चुकी है, लेकिन चुनाव आयोग उसे अनसुना कर रहा है। काम के भारी दबाव से कई बीएलओ मानसिक तनाव में हैं और आत्महत्या की घटनाएँ भी सामने आ चुकी हैं। उन्होंने सवाल दागा “आख़िर यह जल्दबाज़ी क्यों?”

वेणुगोपाल ने स्पष्ट आरोप लगाया कि चुनाव आयोग “भाजपा और नरेंद्र मोदी के पक्ष में काम कर रहा है” और कांग्रेस इन नीतियों का मुखर विरोध करेगी।

कांग्रेस ने घोषणा की है कि दिसंबर के पहले सप्ताह में दिल्ली के रामलीला मैदान में एक विशाल रैली आयोजित की जाएगी, जहाँ चुनाव आयोग की कथित अनियमितताओं और पक्षपात पर “बड़ा खुलासा” किया जाएगा।

यह राजनीतिक संग्राम अब और तेज़ होने के संकेत दे रहा है, और आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर सर्दी के मौसम में देश की राजनीति का मिज़ाज गर्म रहने वाला है।