डॉ. अंबेडकर के ऐतिहासिक भाषण पर जयराम रमेश का आरएसएस पर प्रहार

संविधान निर्माण में कांग्रेस की भूमिका और RSS का विरोध

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के अंतिम महान भाषण, वह भाषण जिसने भारत के संविधान का नैतिक ढांचा तैयार किया की ओर देश का ध्यान खींचा है।

डॉ अंबेडकर ने साफ कहा था कि ड्राफ्टिंग कमेटी का काम इसलिए संभव हो सका क्योंकि संविधान सभा भीड़ का शोर नहीं, बल्कि कांग्रेस के अनुशासन और राजनीतिक स्थिरता की वजह से एक संगठित मंच थी।

रमेश इसी पृष्ठभूमि में याद दिलाते हैं कि जिस संविधान को अगले दिन अपनाया गया, उसी पर RSS ने शुरू से तीखे हमले किए थे—हमले, जो उनके शब्दों में, आज भी जारी हैं। यह सिर्फ इतिहास का संदर्भ नहीं, बल्कि एक गहरी राजनीतिक टिप्पणी भी है, जो बताती है कि संविधान की लड़ाई आज भी खत्म नहीं हुई।

जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा-

"आज से ठीक 76 वर्ष पहले, डॉ. भीमराव आंबेडकर ने संविधान सभा में भारत के संविधान के ड्राफ्ट को औपचारिक रूप से अपनाने का प्रस्ताव रखा था। उस अवसर पर दिया गया उनका समापन भाषण निस्संदेह 20वीं सदी में दुनिया के किसी भी व्यक्ति द्वारा दिए गए सबसे महान भाषणों में से एक है।

अपने भाषण के शुरुआती हिस्से में डॉ.आंबेडकर ने कहा था:

“ड्राफ्टिंग कमेटी का काम अत्यंत कठिन हो सकता था, यदि यह संविधान सभा केवल एक बेतरतीब भीड़ होती -जैसे बिना सीमेंट का टुकड़ों वाला फर्श, जहाँ कहीं काली पत्थर और कहीं सफेद पत्थर रखा हो और हर सदस्य या समूह अपने आप में एक कानून हो जाता। तब यहाँ केवल अराजकता होती।

लेकिन यह संभावित अराजकता कांग्रेस पार्टी की मौजूदगी के कारण समाप्त हो गई, जिसने संविधान सभा की कार्यवाही में व्यवस्था एवं अनुशासन की भावना लाई।

कांग्रेस पार्टी के अनुशासन के कारण ही ड्राफ्टिंग कमेटी संविधान सभा में ड्राफ्ट को आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ा सकी - यह जानते हुए कि प्रत्येक अनुच्छेद और प्रत्येक संशोधन का परिणाम क्या होगा। इसलिए, संविधान के सुचारु रूप से पारित होने का पूरा श्रेय कांग्रेस पार्टी को जाता है।”

डॉ. आंबेडकर और उस संविधान पर, जिसे अगले दिन औपचारिक रूप से अपनाया जाना था, RSS ने ज़बरदस्त हमला किया -और यह हमला तब से लगातार जारी है।"