शंकरनारायणन:चूँकि 2003 से अब तक मरने वाले सभी लोगों को पहले ही सूची से हटा दिया गया है, इसलिए हर साल सारांश संशोधन किए जाते हैं और लोग उसके अनुसार वोट देते हैं।

क्या आधार मतदाता पहचान पत्र एक अलग मुद्दा है? हम कह रहे हैं कि एक बार मतदाता सूची बन जाने और उसमें 7.9 करोड़ मतदाता हो जाने के बाद, 2003 में जाकर उसके बाद के सभी मतदाताओं को कृत्रिम रूप से हटाने का कोई सवाल ही नहीं उठता, जब तक कि वे कोई फ़ॉर्म जमा न करें। आदर्श स्थिति तो यही है कि वे अपनी संशोधित मतदाता सूची को ड्राफ्ट सूची के रूप में इस्तेमाल करें।