सिंघवी: इतने बड़े पैमाने पर होने वाली इस प्रक्रिया को आसन्न चुनाव से अलग रखा जाना चाहिए।

जज. धूलिया: यही तो मामले का फैसला है।

सिंघवी: नहीं, नहीं। चुनाव आयोग बार-बार यही कहता है कि इतने सारे फॉर्म आ गए हैं मानो इससे इस प्रक्रिया को वैध ठहराया जा सके। लेकिन फॉर्म के साथ कोई सहायक दस्तावेज़ नहीं हैं, यह चरण बाद में शुरू होगा।

सिंघवी: अगर यह प्रक्रिया आज से शुरू होकर अगले साल तक चलती रहे और अगले चुनाव में इसका इस्तेमाल हो, तो बिल्कुल ठीक रहेगा।