न्यायमूर्ति धूलिया: एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठाया गया है जो हमारे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था की जड़ तक जाता है। प्रश्न मतदान के अधिकार का है। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि 24 जून के आदेश के तहत मतदाता सूची की SIR प्रक्रिया न केवल मतदाताओं के अनुच्छेद 324, 325, 14, 19 और 21 का उल्लंघन करती है, बल्कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों का भी उल्लंघन करती है।

 चुनाव आयोग का तर्क है कि पिछला गहन संशोधन 2003 में हुआ था और वर्तमान में एक गहन संशोधन की आवश्यकता है, जो अनुच्छेद 326 के तहत अनिवार्य है।