नेपाल का विद्रोह: भारत क्या सीखें?
प्रोफेसर जगदीश्वर चतुर्वेदी से हम समझेंगे नेपाल के आंदोलन की जड़ें, उसकी असफलताएँ और वो सबक जो हमारे लोकतंत्र और हमारी राजनीति के लिए बेहद ज़रूरी हैं।
नेपाल का विद्रोह: क्या हमारे नौजवान भी यही रास्ता अपनाएँगे?
नेपाल से सबक: शासन, भ्रष्टाचार और युवाओं का उठना
संविधान है पर व्यवस्था नहीं — नेपाल के बाद भारत के संभावित सियासी झटके
नमस्कार, क्या हमारे पड़ोसी देश नेपाल से हमें कुछ सीखना चाहिए? वहाँ चुनी हुई सरकारें भी जनता की आवाज़ दबा रही थीं, युवाओं को बेरोज़गारी और भ्रष्टाचार की मार झेलनी पड़ी — और नतीजा ये हुआ कि सड़कें विद्रोह से भर गईं। सवाल ये है कि अगर नेपाल के नौजवान उठ खड़े हो सकते हैं, तो भारत के युवाओं को क्या करना चाहिए? इस वीडियो में प्रोफेसर जगदीश्वर चतुर्वेदी से हम समझेंगे नेपाल के आंदोलन की जड़ें, उसकी असफलताएँ और वो सबक जो हमारे लोकतंत्र और हमारी राजनीति के लिए बेहद ज़रूरी हैं। तो बने रहिए हमारे साथ।"
नेपाल के हाल के आंदोलन ने न केवल वहाँ की राजनीति को हिलाकर रख दिया है, बल्कि आसपास के देशों के लिए भी एक सीधा संदेश छोड़ा है — जब चुनी हुई सरकारें जनता की आवाज़ नहीं सुनतीं, तो युवा सड़कों पर उतरते हैं। प्रोफेसर जगदीश्वर चतुर्वेदी इस वीडियो में समझा रहे हैं कि नेपाल किस वजह से उबल उठा, किन कारणों से हिंसा व लूटपाट हुई, और उससे भारत के नौजवानों के लिए कौन-से सबक निकलते हैं।
आज हम क्रमवार देखेंगे — नेपाल के जन-आन्दोलन का इतिहास, माओवादी शासन के दायरे में हुई कमी, छात्रों और बेरोज़गार युवाओं की आपबीती, सरकारों की जवाबदेही और भ्रष्टाचार का रोल, और आखिर में यह सवाल: क्या भारत में ऐसी स्थिति बन सकती है?
चर्चा के मुख्य बिंदु (Highlights):
2006 का दफ़्तरी-इतिहास और राजशाही विरोधी आंदोलन की प्रासंगिकता।
चुनी हुई सरकारें जब अनसुनी कर देती हैं तो आंदोलन किस रूप में बढ़ता है।
माओवादियों का सत्ता में आना और अपेक्षित जन-उन्नति में विफलता।
बेरोज़गारी, महंगी शिक्षा और युवाओं की नारकीय जीवन स्थितियाँ।
नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंकाई अनुभव — शासन के लिए सबक।
भारत के संदर्भ में शांतिपूर्ण परन्तु संगठित प्रतिरोध का विकल्प।
किसे देखना चाहिए: छात्र, युवा कार्यकर्ता, राजनीतिक विश्लेषक, पत्रकार, और वे दर्शक जो लोकतंत्र व नागरिक अधिकारों की गहन समझ चाहते हैं।


