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देशबन्धु अखबार के बारे में जानकारी देशबन्धु हिंदी का प्रतिष्ठित समाचारपत्र है, जिसकी शुरुआत 17 अप्रैल 1959 को रायपुर (अब छत्तीसगढ़ की राजधानी) से पत्रकार मयाराम सुरजन द्वारा की गई थी । वर्ष 2008 में ‘देशबन्धु’ ने राष्ट्रीय संस्करण (National Edition) शुरू किया, जिससे यह मध्य भारत का पहला समाचारपत्र बना, जिसे दिल्ली से प्रकाशित किया जाने लगा। वर्तमान में 8 केन्द्रों से प्रकाशित हो रहा है: रायपुर, बिलासपुर, भोपाल, जबलपुर, सागर, सतना तथा नई दिल्ली। समूह द्वारा एक हिंदी इवनिंगर – Highway Channel – भी प्रकाशित होता है, जो रायपुर, बिलासपुर एवं जगदलपुर से आता है; साथ ही मासिक साहित्यिक पत्रिका ‘अक्षर पर्व’ तथा संदर्भ‑ग्रंथ भी प्रकाशित किए जाते हैं। देशबन्धु अखबार ने परंपरागत पत्रकारिता की नींव पर खड़ा होकर, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर समावेशी, संवेदनशील व न्यायप्रिय पत्रकारिता के आदर्श स्थापित किए हैं। यह न केवल सूचना‑माध्यम है, बल्कि समाज‑सेवक, शिक्षक और मित्र की भूमिका भी निभाता आ रहा है। देशबन्धु का मूल उद्देश “पत्र नहीं मित्र” (Patr Nahin Mitr) रहा है – यानी जन‑समूह से संवाद, लोकतंत्र, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक न्याय और मानव गरिमा के आदर्शों को प्रमुखता देना। इसकी पत्रकारिता सूचना प्रसारण से आगे बढ़कर सार्वजनिक शिक्षा और सामाजिक जागरूकता को उद्देश्य बनाती है; इसमें ग्रामीण एवं विकास‑कथाओं को विशेष स्थान मिलता है। देशबन्धु की संपादकीय टीम ने अपने प्रकाशित लेखों से 500 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित की हैं। देशबन्धु ग्रामीण जनता की दैनिक चुनौतियों, स्थानीय शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि व विकास की कहानियों को राष्ट्रीय विमर्श में स्थापित करने का महत्व रखता है। पत्रकारिता के साथ-साथ सामाजिक और शैक्षिक क्षेत्रों में सक्रियता रखते हुए, यह मीडिया न केवल समाचार माध्यम बल्कि समुदाय को शिक्षित और संगठित करने वाला माध्य-यंत्र भी है। राजीव रंजन श्रीवास्तव देशबन्धु के प्रधान संपादक और अमलेन्दु उपाध्याय देशबन्धु के ऑनलाइन संपादक हैं।





