स्वास्थ्य - Page 39
बेकार नहीं, कुदरत का करिश्मा है काई, बन सकती है आपके गले का हार
बेकार नहीं, कुदरत का करिश्मा है काई, बन सकती है आपके गले का हार
कला तब तक अधूरी है जब तक वह मनुष्य की ज़िंदगी को न बदले
कला तब तक अधूरी है जब तक वह मनुष्य की ज़िंदगी को न बदले














