विश्व प्री-डायबिटीज दिवस: मधुमेह रोकथाम का 90 दिन का सुनहरा मौका
हर वर्ष 14 अगस्त को मनाया जाने वाला विश्व प्री-डायबिटीज दिवस (World Pre-Diabetes Day) मधुमेह से पहले की चेतावनी को समझाने और रोकथाम के उपायों पर जागरूकता फैलाने का दिन है। जानिए प्री-डायबिटीज के लक्षण, कारण और बचाव के तरीके...

World Pre-Diabetes Day: 90 days of golden opportunity to prevent diabetes
विश्व प्री-डायबिटीज दिवस 2025: मधुमेह से पहले की चेतावनी और रोकथाम के 90 दिन
हर वर्ष 14 अगस्त को मनाया जाने वाला विश्व प्री-डायबिटीज दिवस (World Pre-Diabetes Day) मधुमेह से पहले की चेतावनी को समझाने और रोकथाम के उपायों पर जागरूकता फैलाने का दिन है। जानिए प्री-डायबिटीज के लक्षण, कारण और बचाव के तरीके...
14 अगस्त को ही क्यों मनाया जाता है विश्व प्री-डायबिटीज दिवस
नई दिल्ली, 14 अगस्त 2025। दुनिया भर में आज विश्व प्री-डायबिटीज दिवस (World Pre-Diabetes Day in Hindi) मनाया जा रहा है। हर साल 14 अगस्त को यह दिवस मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत वर्ष 2021 से हुई थी। इस दिन को विश्व मधुमेह दिवस (14 नवम्बर) से ठीक 90 दिन पहले रखा गया है, क्योंकि वैज्ञानिकों का मानना है कि जीवनशैली में बदलाव कर प्री-डायबिटीज को उलटने और मधुमेह में बदलने से रोकने के लिए लगभग 90 दिन का समय पर्याप्त होता है।
क्या है प्री-डायबिटीज?
पूर्व-मधुमेह एक स्वास्थ्य स्थिति है जिसमें रक्त ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक होता है, लेकिन इतना भी अधिक नहीं होता कि उसे टाइप 2 मधुमेह के रूप में निदान किया जा सके।
सामान्य रक्त शर्करा : 70 से 99 mg/dL
प्री-डायबिटीज स्तर : 100 से 125 mg/dL
यदि समय रहते इसे नियंत्रित न किया जाए, तो यह टाइप-2 मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
भारत में क्या है प्री-डायबिटीज की स्थिति
करीब 9 करोड़ लोग देश में प्री-डायबिटीज से पीड़ित हैं।
अगले 5 वर्षों में बिना इलाज के, इनमें से लगभग 75% लोग मधुमेह के शिकार हो जाएंगे।
आईसीएमआर-इंडियाब अध्ययन के अनुसार, भारत में प्री-डायबिटीज की संख्या डायबिटीज से भी अधिक हो चुकी है।
विश्व स्तर पर लगभग एक तिहाई वयस्कों में प्री-डायबिटीज है, जिससे उन्हें टाइप 2 मधुमेह, हृदय रोग और अन्य संबंधित स्वास्थ्य जटिलताओं का खतरा काफी बढ़ जाता है।
प्री-डायबिटीज के लक्षण
हालांकि अक्सर कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते, फिर भी कुछ संकेत हो सकते हैं:
- प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होना
- त्वचा का छिलना
- आंखों की रोशनी कमजोर होना
- लगातार थकान महसूस होना
- पैरों में दर्द या झनझनाहट
- अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ना
- ऊर्जा का कम होना
प्री-डायबिटीज का मुख्य कारण
- नींद की कमी
- शारीरिक गतिविधि का अभाव
- धूम्रपान और शराब
- असंतुलित आहार
- तेजी से वजन बढ़ना
प्री-डायबिटीज की रोकथाम के उपाय
पूर्व-मधुमेह को रोकने के तरीकों में स्वस्थ भोजन करना, अधिक सक्रिय होना, अतिरिक्त वजन कम करना, धूम्रपान बंद करना और आवश्यकतानुसार दवाएँ लेना शामिल हैं।
- पौष्टिक और संतुलित भोजन करें
- नियमित व्यायाम करें
- अतिरिक्त वजन घटाएं
- धूम्रपान और शराब छोड़ें
- आवश्यकता होने पर दवाइयों का सेवन करें
वैश्विक परिप्रेक्ष्य
विश्व स्वास्थ्य संगठनों, एनजीओ और चिकित्सा संस्थान प्री-डायबिटीज के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चला रहे हैं।
इसके तहत नीतिगत प्रयासों में शामिल हैं :
- चीनी पर टैक्स लगाना
- पौष्टिक भोजन की उपलब्धता बढ़ाना
- सामुदायिक स्तर पर व्यायाम के अवसर बढ़ाना
चिकित्सकीय सलाह :
- हर 1-2 साल में जांच कराएं
- उच्च जोखिम वाले लोगों की नियमित स्क्रीनिंग हो
विशेष तथ्य
- अमेरिका में करीब 8.4 करोड़ वयस्क प्री-डायबिटीज के शिकार हैं, जिनमें से 90% को इसका पता भी नहीं है।
- भारत में स्थिति और भी अधिक गंभीर है, क्योंकि युवा वर्ग भी तेजी से इसकी चपेट में आ रहा है।
- प्री-डायबिटीज की शुरुआती अवस्था में ही रोकथाम से 70% तक मधुमेह का खतरा घटाया जा सकता है।
विशेषज्ञों की राय
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, जीवनशैली में बदलाव न कर पाने वाले लोगों के लिए मेटफॉर्मिन जैसी दवाएं शुरुआती हस्तक्षेप के रूप में उपयोगी हो सकती हैं, खासकर संसाधन सीमित क्षेत्रों में।
प्री-डायबिटीज एक चेतावनी है, न कि अंतिम फैसला।
यदि हम अभी कदम उठाएं—संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और स्वास्थ्य जांच—तो मधुमेह महामारी को काफी हद तक रोका जा सकता है।
आज का दिन हमें याद दिलाता है कि रोकथाम, इलाज से बेहतर है, और 90 दिन की मेहनत हमें मधुमेह से बचा सकती है।


