सूडान संकट पर अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक कार्रवाई की तात्कालिक अपील

  • हवाई हमलों और भूख से जूझते लोग, सुरक्षित मार्ग की माँग तेज़
  • WFP का आग्रह: मानवीय त्रासदी रोकने के लिए तुरंत हस्तक्षेप ज़रूरी
  • सूडान में 3 करोड़ से ज़्यादा लोग सहायता पर निर्भर

नई दिल्ली, 9 दिसंबर 2025. उत्तरी पूर्व अफ्रीका स्थित एक देश सूडान (Sudan is a country located in northeastern Africa. (अरबी: السُّودَان,) आज फिर एक तनावपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। देश में हिंसा का सिलसिला ऐसा बढ़ा है कि यूएन के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क (UN High Commissioner for Human Rights Volker Türk) ने खुलकर चेतावनी दी है कि “एक और अत्याचार की लहर” सिर उठाने को तैयार है। अक्टूबर के अंत से अब तक सैकड़ों निर्दोष लोग गृह युद्ध में अपनी जान गंवा चुके हैं और हज़ारों परिवार हवाई हमलों तथा गोलाबारी से बचने के लिए अपने ही घरों से पलायन करने पर मजबूर हुए हैं।

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त का कहना है कि हालात सिर्फ़ हिंसा तक सीमित नहीं हैं; बल्कि भूख और अकाल की कगार पर खड़े लाखों लोगों के सामने सुरक्षित मार्ग और राहत की पहुँच प्रमुख चुनौती बनी हुई है। इसी पृष्ठभूमि में विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल कूटनीतिक हस्तक्षेप की अपील की है, ताकि अत्याचार पर रोक लगे और अकाल की भयावहता को रोका जा सके।

सूडान संकट की गंभीरता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मौजूदा समय में 3 करोड़ से अधिक सूडानी नागरिक किसी न किसी रूप में मानवीय सहायता पर निर्भर हैं, जबकि 90 लाख से ज़्यादा लोग आंतरिक रूप से विस्थापित होकर अनिश्चितता और भय में जीवन काट रहे हैं। यह स्थिति न सिर्फ़ एक मानवीय त्रासदी है, बल्कि वैश्विक समुदाय की परीक्षा भी—जहाँ त्वरित, संवेदनशील और सामूहिक कार्रवाई की मांग अपने चरम पर है।

सूडान: बाल केन्द्र और अस्पताल पर घातक हमले, यूएन प्रमुख ने की निन्दा

8 दिसंबर 2025 शान्ति और सुरक्षा

सूडान में क्रूर युद्ध की आग में बच्चे भी झुलस रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने, कोर्दोफ़ान प्रान्त में ड्रोन हमलों में बच्चों की मौत, और घायलों को मदद पहुँचा रहे सहायताकर्मियों को निशाना बनाए जाने की कठोर निन्दा की है.

यूएन प्रमुख के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुज़ैरिक ने सोमवार को जारी एक वक्तव्य में, महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि 4 दिसम्बर को हुए, अनेक ड्रोन हमलों की ख़बर से वह अत्यन्त दुखी हैं.

इन हमलों में, कालोगी स्थित एक बाल देखभाल केन्द्र और एक अस्पताल को निशाना बनाया गया, जहाँ घायलों का उपचार किया जा रहा था.

सैकड़ों लोगों की मौत

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने बताया कि कालोगी ग्रामीण अस्पताल को कम से कम तीन बार निशाना बनाया गया है. इन हमलों में 114 लोगों की मृत्यु हुई, जिनमें 63 बच्चे भी हैं.

उन्होंने बताया कि इन हमलों में बचे लोगों को, उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया है, और रक्तदान सहित अन्य चिकित्सीय सहायता के लिए तत्काल अपील की गई है.

उन्होंने कहा कि घायल बच्चों को किंडरगार्टन से अस्पताल ले जाने की कोशिश कर रहे, आपात चिकित्सा कर्मियों और सहायता दल के सदस्यों पर भी हमले किए गए.

सूडान में हालात नाज़ुक

इसके अलावा, विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के राहत क़ाफ़िले को भी निशाना बनाया गया, जो ज़रूरतमन्द लोगों के लिए जीवन रक्षक सामग्री लेकर जा रहे थे.

यूएन राहत एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि पूरे सूडान में हालात नाज़ुक हैं, जहाँ लाखों लोग, सूडानी सशस्त्र बल (SAF) और अर्धसैनिक त्वरित सहयोग बल (RSF) के बीच जारी भीषण युद्ध के चंगुल में फँसे हुए हैं.

मध्य कोर्दोफ़ान क्षेत्र में हालात, विशेष रूप से गम्भीर होते जा रहे हैं. यहाँ जीवनरक्षक सामग्री की कमी हो रही है, जबकि दक्षिण कोर्दोफ़ान की राजधानी काडुग्ली में अकाल जैसी स्थिति की पुष्टि की गई है.

तुरन्त युद्धविराम की अपील

प्रवक्ता स्तेफ़ान दुज़ैरिक ने ज़ोर देकर कहा कि तेज़ी से बढ़ते युद्ध में, अल-फ़शर में हाल के मानवाधिकार उल्लंघनों और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के गम्भीर उल्लंघनों जैसी घटनाएँ, कोर्दोफ़ान क्षेत्र में नहीं दोहराई जानी चाहिए.

यूएन महासचिव ने सूडान युद्ध में विदेशी दख़ल की ख़बरों के बीच, इस युद्ध में शामिल पक्षों पर प्रभाव रखने वाले देशों से, तुरन्त कार्रवाई करने, युद्ध रुकवाने और हथियारों की आपूर्ति बन्द कराने की अपील की है.

यूएन महासचिव ने युद्धरत पक्षकारों से तुरन्त युद्धविराम करने और स्थाई, समावेशी राजनैतिक प्रक्रिया के लिए फिर से बातचीत शुरू करने की अपील भी की है.

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र, सूडान में युद्ध को समाप्त करने और स्थाई शान्ति की दिशा में क़दम उठाने में सहायता देने के लिए तैयार है.

कूटनैतिक कार्रवाई की अपील

उधर, यूएन के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने, सूडान में “एक और अत्याचार की लहर” के ख़तरे की आशंका जताई है.

अक्टूबर के अन्त से अब तक, सैकड़ों आम लोग मारे गए हैं और हज़ारों लोग हवाई हमलों व गोलाबारी से बचने के लिए पलायन करने को विवश हुए हैं.

यूएन के अनुसार, हिंसा और अकाल से उपजे हालात से भाग रहे लोगों के लिए, सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करना आवश्यक है.

WFP ने तत्काल कूटनैतिक कार्रवाई की अपील करते हुए कहा कि अत्याचार रोकने और अकाल की स्थिति से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई की ज़रूरत है.

वर्तमान में, सूडान में 3 करोड़ से अधिक लोगों को मानवीय सहायता की ज़रूरत है और 90 लाख से अधिक लोग आन्तरिक रूप से विस्थापित हैं.