ISIS की तर्ज पर हिंदू तालिबान का पुनरुत्थान है, हिंदुत्व का नहीं।
ISIS की तर्ज पर हिंदू तालिबान का पुनरुत्थान है, हिंदुत्व का नहीं।
ISIS की तर्ज पर हिंदू तालिबान का पुनरुत्थान है, हिंदुत्व का नहीं।
अभी-अभी हारे केसरिया इतिहास बनाने वाले अब टीपू की हत्या पर आमादा हैं।
पलाश विश्वास
गोशाला कहीं नहीं है। खेती तबाह कर दी है। कारोबार खत्म कर दिया गया है। उद्योग धंधे, उत्पादन प्रणाली और अर्थव्यवस्था विदेशी पूंजी के हवाले। अर्थव्यवस्था से दिवाली तक, धर्म कर्म सबकुछ एब एफडीआई है।
बजरंगी मुक्त बाजार के धर्मोन्मादी खुल्ला खेल फर्रुखाबादी ने गाय को बेदखल कर दिया क्योंकि उनके ही अश्वमेध राजसूय से खेती खत्म हैं और किसान आत्महत्या कर रहे हैं। खेत खलिहान बचे नहीं है तो गाय को कौन पूछने वाला है।
गांवो में तो अब गोबर या गोमूत्र मिलता नहीं है और महानगरों, शहरी सीमेंट के जंगल में यूरिया कीटनाशक मिला जहर का खुल्ला कारोबार है दूध दही के नाम पर।
ब्रांडिंग है। बंद होगी तो पिर लेदेकर चालू हो जायेगी।
पेय और फास्टफूड का जहरीला फलता फूलता कारोबार और नियंत्रण उदाहरण है।
गोरक्षा अगर धर्म है तो हमें धर्मभ्रष्ट किया है इसी राष्ट्रद्रोह ने। गैरमजहबी लोगों के खिलाफ मजहबी सियासत तो दरअसल हिंदू ग्लोब के एजेंडा के मुताबिक ISIS की तर्ज पर हिंदू तालिबान का पुनरुत्थान है, हिंदुत्व का नहीं।
गोशाला कहीं बचा भी है कि नहीं।
उन्ही बेदखल गायों के नाम अरब वसंत का आयात भारत में और गोमांस को लेकर धार्मिक ध्रुवीकरण की बेशर्म कोशिश में पूरा देश आग के हवाले।
अभी-अभी हारे हैं और केसरिया इतिहास बनाने वाले अब टीपू की हत्या पर आमादा हैं।


