ललित सुरजन के बारे में जानकारी ललित सुरजन सिर्फ पत्रकार ही नहीं, बल्कि एक पूर्ण संस्था थे — जिन्होंने पत्रकारिता, साहित्य, संस्कृति, और सामाजिक न्याय को एक साथ जोड़ा। उनका कार्य हमें याद दिलाता है कि भारत में क्षेत्रीय पत्रकारिता भी राष्ट्रीय संदर्भ में कितनी गहन प्रभावशाली हो सकती है। ललित सुरजन का जन्म 22 जुलाई 1946 को हुआ और उनका निधन 2 दिसंबर 2020 को हुआ — वे लगभग 74 वर्ष के थे। उन्होंने 1961 में ‘देशबंधु’ में जूनियर पत्रकार के रूप में अपने पत्रकारिता जीवन की शुरुआत की, और 1971 से सक्रिय रिपोर्टिंग की शुरुआत की। ‘देशबंधु’ की स्थापना 17 अप्रैल 1959 को उनके पिता मेयराराम सुरजन ने रायपुर से की थी — यह हिंदी पत्रकारिता का प्रतिष्ठित माध्यम रहा है । 1995 में उन्होंने अपने पिता के निधन के बाद ‘देशबंधु’ का संपादन संभाला, और इसे 8 संस्करणों, एक इवनिंग पेपर ‘Highway Channel’ व साहित्यिक मासिका ‘अक्षर पर्व’ तक विस्तारित किया। उन्होंने पत्रकारिता को साफ‑सुथरी और जनपक्षधर बनाए रखा, समुदाय विशेष या वामपंथी झुकाव से परे, निष्पक्ष और सामाजिक न्यायवादी रुख अपनाया। वे कवि, लेखक और अनुवादक भी माने जाते थे — ललित सुरजन ने कई कविताएँ, लेख, संपादकीय अग्रलेख लिखे, और सोशल मीडिया के माध्यम से भी सक्रिय रहे। राज्य सरकार, पत्रकार संस्थाओं और आम पाठक में उनकी लोकप्रियता रही — छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें ‘देशबंधु स्कूल ऑफ़ जर्नलिज़्म’ कहा।