UIDAI ने 2 करोड़ से ज़्यादा आधार नंबर डीएक्टिवेट किए
UIDAI ने आधार डेटाबेस की सटीकता बढ़ाने के लिए 2 करोड़ से अधिक मृत व्यक्तियों के आधार नंबर डीएक्टिवेट किए। पहचान धोखाधड़ी रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम

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UIDAI ने 2 करोड़ से ज़्यादा मृत व्यक्तियों के आधार नंबर डीएक्टिवेट किए
- आधार डेटाबेस की शुद्धता बनाए रखने के लिए देशभर में UIDAI की बड़ी कार्रवाई
- UIDAI द्वारा मृत व्यक्तियों के आधार नंबर डीएक्टिवेट करने की पूरी प्रक्रिया
- आधार डेटाबेस की शुद्धता के लिए UIDAI की नई कार्रवाई क्या है
- मौत के बाद आधार नंबर डीएक्टिवेशन क्यों ज़रूरी है
UIDAI ने 2 करोड़ मृत आधार नंबर हटाए—जानिए वजह और प्रभाव
नई दिल्ली, 27 नवंबर 2025. UIDAI ने आधार डेटाबेस की एक्यूरेसी बनाए रखने के लिए देश भर में चल रही कोशिश के तहत, मरे हुए लोगों के 2 करोड़ से ज़्यादा आधार नंबर डीएक्टिवेट कर दिए हैं।
UIDAI ने मरे हुए लोगों का डेटा रजिस्ट्रार जनरल ऑफ़ इंडिया (RGI), राज्यों/UTs, पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम, नेशनल सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम वगैरह से लिया है। यह मरे हुए लोगों का डेटा पाने के लिए फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन और ऐसी दूसरी एंटिटी के साथ मिलकर काम करने पर भी विचार कर रहा है।
UIDAI ने कहा है कि कोई भी आधार नंबर कभी भी किसी दूसरे व्यक्ति को दोबारा नहीं दिया जाता है। हालांकि, किसी व्यक्ति की मौत होने पर, यह ज़रूरी है कि उसका आधार नंबर डीएक्टिवेट कर दिया जाए ताकि पहचान से जुड़ी धोखाधड़ी, या वेलफेयर बेनिफिट पाने के लिए ऐसे आधार नंबर का बिना इजाज़त इस्तेमाल रोका जा सके।
इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार डेटाबेस की निरंतर सटीकता बनाए रखने के लिए राष्ट्रव्यापी सफाई अभियान के तहत मृत व्यक्तियों के 2 करोड़ से अधिक आधार नंबरों को निष्क्रिय कर दिया है।
यूआईडीएआई ने भारत के महापंजीयक (आरजीआई), राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम आदि से मृतक व्यक्तियों का डेटा प्राप्त किया है। वह मृतक व्यक्तियों का डेटा प्राप्त करने के लिए वित्तीय संस्थानों और अन्य संस्थाओं के साथ सहयोग करने पर भी विचार कर रहा है।
विज्ञप्ति में बताया गया है कि किसी भी व्यक्ति को आधार संख्या कभी भी पुनः आवंटित नहीं की जाती। किसी व्यक्ति की मृत्यु की स्थिति में संभावित पहचान धोखाधड़ी या कल्याणकारी लाभ प्राप्त करने के लिए आधार संख्या के अनधिकृत उपयोग को रोकने के लिए उसका आधार नंबर निष्क्रिय करना आवश्यक है।
विज्ञप्ति में बताया गया है कि यूआईडीएआई ने इस वर्ष की शुरुआत में एक सुविधा भी शुरू की है - परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु की सूचना देना - जो वर्तमान में नागरिक पंजीकरण प्रणाली का उपयोग करने वाले 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पंजीकृत मृत्यु के लिए मायआधार पोर्टल पर उपलब्ध है। शेष राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पोर्टल के साथ एकीकरण की प्रक्रिया अभी चल रही है।
परिवार के सदस्य को स्वयं को प्रमाणित करने के बाद पोर्टल पर मृतक व्यक्ति का आधार नंबर और मृत्यु पंजीकरण संख्या के साथ-साथ अन्य जनसांख्यिकीय विवरण भी प्रदान करना आवश्यक है। परिवार के सदस्य द्वारा प्रस्तुत जानकारी के सत्यापन की उचित प्रक्रिया के बाद मृतक व्यक्ति के आधार नंबर को निष्क्रिय करने या अन्यथा आगे की कार्रवाई की जाती है।
यूआईडीएआई आधार संख्या धारकों को मृत्यु पंजीकरण प्राधिकारियों से मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद मायआधार पोर्टल पर अपने परिवार के सदस्यों की मृत्यु की सूचना देने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।


