बिहार में मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया में दस्तावेज़ जमा करने की शर्तों में राहत

बिहार में मतदाता सूची संशोधन के नियम आसान हुए, पहले फ़ॉर्म दें, दस्तावेज़ बाद में: सीईओ

बिहार में चुनाव आयोग ने मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया को आसान बनाया है। अब मतदाता दस्तावेज़ बाद में जमा कर सकते हैं, जबकि पहले फ़ॉर्म जमा करना होगा। जानिए अंतिम तिथि, प्रक्रिया और नियमों में बदलाव की पूरी जानकारी…

नई दिल्ली, 6 जुलाई 2025. बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के तहत चुनाव आयोग अब नरम रुख अपनाता दिखाई दे रहा है। इंडिया गठबंधन और विपक्ष के कड़े विरोध के बीच राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने स्पष्ट किया है कि जिन लोगों के पास ज़रूरी दस्तावेज़ नहीं हैं, वे पहले मतदाता फ़ॉर्म भरकर जमा कर सकते हैं, और आवश्यक कागज़ात बाद में प्रस्तुत किए जा सकते हैं।

बिहार में चल रहे इस पुनरीक्षण अभियान में कई ऐसे दस्तावेज़ मांगे जा रहे हैं, जो या तो आम लोगों के पास नहीं होते या जिनके बारे में अधिकांश लोगों को जानकारी नहीं होती। इससे आम जनता में असमंजस और चिंता का माहौल था।

इसे देखते हुए सीईओ कार्यालय ने अख़बारों में विज्ञापन जारी कर कहा, “अपने गणना फ़ॉर्म को दस्तावेज़ों और तस्वीर के साथ भरकर जल्द से जल्द बीएलओ के पास जमा करें। अगर दस्तावेज़ उपलब्ध नहीं हैं, तो केवल हस्ताक्षरित फ़ॉर्म भी स्वीकार किए जाएंगे।”

सीईओ कार्यालय ने यह निर्देश बूथ-स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) को भी दिया है कि वे ऐसे सभी हस्ताक्षरित फ़ॉर्मों को पोर्टल पर अपलोड करें। दस्तावेज़ बाद में जमा किए जा सकते हैं। यह कदम विशेष रूप से उन लोगों को राहत देने के लिए उठाया गया है, जिन्हें दस्तावेज़ जुटाने में परेशानी हो रही है।

हालांकि चुनाव आयोग (ईसी) ने कोई नया आदेश नहीं जारी किया है, लेकिन सीईओ कार्यालय की यह पहल मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा संकेत मानी जा रही है। क्योंकि पुनरीक्षण अभियान के तहत फ़ॉर्म भरने की अंतिम तिथि 26 जुलाई है, और समय बेहद कम बचा है।

इस बीच, बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,

“बिहार में SIR (Special Intensive Revision) प्रक्रिया 24 जून 2025 के ईसीआई आदेश के अनुसार ही चल रही है। 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित होने वाली प्रारूप मतदाता सूची में उन्हीं मतदाताओं के नाम होंगे जिनके गणना फ़ॉर्म प्राप्त हो गए होंगे।”

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने स्पष्टीकरण दिया,

“मौजूदा मतदाताओं के लिए दस्तावेज़ीकरण पूरा करने हेतु सभी आवश्यक सुविधाएं दी जा रही हैं। वे पहले अपना गणना फ़ॉर्म जमा कर सकते हैं और दस्तावेज़ बाद में भी जमा किए जा सकते हैं। सारी प्रक्रियाएं चुनाव आयोग के 24.06.2025 के आदेश के अनुसार ही संचालित हो रही हैं।”

राजनीतिक प्रतिक्रिया

इंडिया गठबंधन समेत विपक्षी दलों ने इस पूरे अभियान को लेकर पहले ही कड़ी आपत्ति जताई थी और आरोप लगाया था कि यह अभियान अल्पसंख्यकों और कमजोर तबकों को मतदाता सूची से बाहर करने की साजिश का हिस्सा है। अब सीईओ कार्यालय द्वारा दी गई यह राहत, चुनाव आयोग की उस आलोचना के प्रति एक प्रतिक्रिया के रूप में देखी जा रही है।

कांग्रेस के एक्स हैंडल से एक वीडिया शेयर करते हुए कहा गया

"बिहार वासियों सावधान

चुनाव आयोग के साथ मिलकर मोदी सरकार आपके वोट के अधिकार को छीन लेना चाहती है.

इतना ही नहीं... आपकी नागरिकता भी खतरे में है.

इस वीडियो में BLO का साफ कहना है कि अगर आप कागज नहीं दिखा पाए तो वोट देने का अधिकार तो गया ही.. आपकी नागरिकता भी खत्म कर दी जाएगी."

चुनाव आयोग द्वारा नियमों में यह लचीलापन दिखाना एक अहम कदम है, जिससे यह उम्मीद की जा सकती है कि ज्यादा से ज्यादा नागरिक मतदाता सूची में शामिल हो सकेंगे।