हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचन्द की जयंती

  • भारतीय हॉकी को गौरव दिलाने वाले मेजर ध्यानचन्द
  • ओलंपिक में मेजर ध्यानचन्द की स्वर्णिम उपलब्धियाँ
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेजर ध्यानचन्द का रिकॉर्ड
  • मेजर ध्यानचन्द को मिला सम्मान और स्मृति चिह्न

29 अगस्त: राष्ट्रीय खेल दिवस और खेल रत्न पुरस्कार

29 अगस्त को ‘हॉकी के जादूगर’ मेजर ध्यानचन्द की जयंती और राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। उनकी कप्तानी में भारत ने 3 ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते। उनकी खेल उपलब्धियों, योगदान और सम्मान पर विशेष।

मेजर ध्यानचन्द की जयंती

आज 29 अगस्त को है 'हॉकी के जादूगर' मेजर ध्यानचन्द की जयंती

नई दिल्ली, 29 अगस्त 2025. आज पूरे देश में ‘हॉकी के जादूगर’ मेजर ध्यानचन्द की जयंती मनाई जा रही है। मेजर ध्यानचन्द ने अपने करिश्माई खेल, अनुशासन, जुनून और समर्पण से भारतीय हॉकी को विश्व स्तर पर नई पहचान दिलाई। उनकी कप्तानी में भारत ने ओलंपिक खेलों में लगातार तीन स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा। यही कारण है कि उनकी जयंती को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है और देश के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को उनके नाम पर ‘मेजर ध्यानचन्द खेल रत्न पुरस्कार’ प्रदान किया जाता है।

'हॉकी के जादूगर' मेजर ध्यानचन्द के करिश्माई खेल, हॉकी के प्रति जुनून, जज़्बा, समर्पण और उनकी उपलब्धियों ने विश्व में भारतीय हॉकी को पहचान दिलाई और गौरवान्वित किया

हॉकी के जादूगर, हॉकी के जादूगर के नाम से मशहूर हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की कप्तानी में 1928 में एम्स्टर्डम में, 1932 में लॉस एंजेलिस में और 1936 में बर्लिन में भारतीय हॉकी टीम ने तीन स्वर्ण पदक जीता था। वर्ष 1926 से 1949 तक उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 185 मैच खेले और 570 गोल किए।

दिल्ली के नेशनल स्टेडियम में उनकी 9 फुट की प्रतिमा स्थापित की गई है। उनके सम्मान में स्टेडियम का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम किया गया। वे एकमात्र भारतीय हॉकी खिलाड़ी हैं जिनके सम्मान में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया गया है। देश में 29 अगस्त को ध्यानचंद की जयंती को खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है और उनके सम्मान में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार प्रदान किया जाता है।