बिहार में मतदाता पुनरीक्षण अभियान पर गहराया विवाद

बिहार में मतदाता पुनरीक्षण पर बढ़ा विवाद, विपक्ष के साथ जदयू भी हमलावर | लालू, कांग्रेस, TMC और VIP ने उठाए सवाल

बिहार में मतदाता पुनरीक्षण अभियान पर विवाद गहराता जा रहा है। लालू यादव, कांग्रेस, TMC और VIP ने चुनाव आयोग पर मतदाताओं को वंचित करने का आरोप लगाया। जदयू ने भी चिंता जताई...

नई दिल्ली, 4 जुलाई 2025. बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को लेकर राजनीतिक बवाल तेज़ हो गया है। इस प्रक्रिया पर विपक्षी दलों के साथ-साथ नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने भी सवाल उठाए हैं। नेताओं ने चुनाव आयोग पर मतदाताओं को वंचित करने की साज़िश रचने का आरोप लगाया है।

लालू यादव का हमला: “वोट बचाने की लड़ाई”

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने एक तीखा ट्वीट करते हुए लिखा:

“संघियों ने देश के लोकतंत्र को इस पड़ाव पर लाकर खड़ा कर दिया है जहां नागरिकों को अपना वोट बचाने की लड़ाई लड़नी पड़ रही है।

चुनाव आयोग मतदाताओं को हतोत्साहित कर मानसिक, आर्थिक और सामाजिक उत्पीड़न कर रहा है। वोट का सत्यापन करने की बजाय नागरिकता साबित करने को कह रहा है। आधार कार्ड तक को मान्यता नहीं दे रहा।

इनकी गुंडागर्दी चलने नहीं देंगे।”

जदयू का तटस्थ विरोध: “कोई भी पात्र छूटना नहीं चाहिए”

जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने चुनाव आयोग के रुख पर कहा:

“मतदाता पुनरीक्षण का कार्य चुनाव आयोग का है। हमारी अपेक्षा केवल इतनी है कि कोई भी पात्र व्यक्ति वंचित न रहे।

अगर कोई भारत के संविधान के तहत मतदान का अधिकारी है तो उसे अधिकार मिलना चाहिए। आवश्यक शर्तों का अवलोकन होना चाहिए, लेकिन कोई भी नागरिक न छूटे।”

कांग्रेस का आरोप: “नीयत साफ नहीं”

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि आप केवल 25 दिनों में 8 करोड़ मतदाताओं की सूची तैयार करना चाहते हैं? 2003 में यही प्रक्रिया एक साल में पूरी हुई थी। उन्होंने कहा कि अगर नाम काटने ही मक़सद है, तो काम आसान है। मुश्किल तब होगा जब नीयत साफ होगी।

खेड़ा ने कहा कि किस वर्ग के नाम काटने हैं, ये भी आप जानते हैं। हम सड़क से संसद तक विरोध करेंगे। इस देश में किसी एक संस्था की दादागिरी नहीं चलने देंगे।

महुआ मोइत्रा का तीखा ट्वीट: “लोकतंत्र का अंतिम संस्कार”

तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने चुनाव आयोग को सरकार का "spineless puppet" बताते हुए कहा:

“आपको लोकतंत्र की रक्षा करनी थी, उसके ताबूत का बोझ उठाने नहीं।

करोड़ों ग़रीबों और हाशिए के लोगों को मताधिकार से वंचित करना आपके अंत की शुरुआत होगी। इंतज़ार कीजिए।”

अशोक गहलोत बोले : “8 करोड़ वोटर 25 दिन में? असंभव”

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पटना यात्रा का हवाला देते हुए कहा :

“25 दिन में 8 करोड़ वोटर लिस्ट तैयार करना असंभव है।

लोगों से माता-पिता की जन्मतिथि माँगी जा रही है — वो कहां से लाएँगे?

ये प्रक्रिया लाखों लोगों को मताधिकार से वंचित कर सकती है।

चुनाव आयोग एकतरफा फैसले ले रहा है, विपक्ष को विश्वास में नहीं लिया गया। ये बेहद चिंताजनक स्थिति है।”

VIP प्रमुख मुकेश सहनी बोले: “जनता सरकार बदलना चाहती है, सरकार वोटर बदल रही”

विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने ट्वीट किया:

“बिहार की जनता सरकार बदलने को तैयार है, लेकिन सरकार वोटर ही बदलने में लगी है!

ये कोई प्रक्रिया नहीं, बल्कि जनता को दफ्तरों के चक्कर कटवाने और लाइन में खड़ा करने की साज़िश है।

गलत नीतियां सरकार बनाए और भुगते जनता?”

बिहार में चुनाव आयोग द्वारा शुरू किए गए विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण अभियान को लेकर राजनीतिक भूचाल आ गया है। जहां विपक्ष इसे लोकतंत्र पर हमला बता रहा है, वहीं सत्तारूढ़ गठबंधन की सहयोगी जदयू भी इस पर चिंता जता रही है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि चुनाव आयोग इस विवाद पर क्या रुख अपनाता है।