पटना में बोले तेजस्वी यादव

35 लाख नाम हटाने की प्रक्रिया पर उठाए सवाल, कहा– लोकतंत्र को खत्म नहीं होने देंगे

पटना, बिहार, 17 जुलाई 2025। बिहार में चल रहे मतदाता सूची विशेष पुनरीक्षण (Special Summary Revision - SIR) को लेकर देश में राजनीति गरमा गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने SIR प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि प्रक्रिया पर उन्हें आपत्ति नहीं है, लेकिन इसके तौर-तरीके बेहद अलोकतांत्रिक हैं और लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत हैं।

तेजस्वी यादव ने आज एक संवादादाता सम्मेलन में प्रेस से बात करते हुए कहा—

"हमें SIR से कोई दिक्कत नहीं है लेकिन इनके तरीके लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक हैं... बिहार लोकतंत्र की जननी है और इसी बिहार से हम लोकतंत्र को खत्म होते नहीं देख सकते हैं। इसको लेकर हम हर पटल पर लड़ाई लड़ेंगे।"

उन्होंने यह भी बताया कि वे इस विषय पर देश के तमाम बड़े नेताओं को पत्र लिख रहे हैं और आगामी 19 जुलाई को दिल्ली में INDIA गठबंधन की बैठक में यह मुद्दा प्रमुखता से उठाएंगे। उन्होंने कहा—

"मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में होने वाली इस बैठक में हम शामिल होंगे और अपनी बात मजबूती से रखेंगे।"

तेजस्वी यादव का आरोप: आंकड़े पहले से तय कैसे हो सकते हैं?

तेजस्वी यादव ने कल 16 जुलाई को चुनाव आयोग द्वारा जारी प्रेस नोट पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा—

"चुनाव आयोग ने 16 जुलाई को एक प्रेस नोट जारी किया जिसमें 35 लाख नामों के हटाए जाने की बात सामने आई। लेकिन यही आंकड़ा 3 दिन पहले 'सूत्रों' के हवाले से एक अखबार की खबर में भी था। मेरा सवाल है— अगर प्रक्रिया अभी चल रही है, तो आंकड़े कैसे पहले से तय हो गए?"

उन्होंने आगे कहा कि कई जगहों पर अभी तक BLO (Booth Level Officer) नहीं पहुंचे हैं, तो ऐसे में इतने बड़े आंकड़े का अनुमान कैसे लगाया गया?

"अगर अभी भी एक सप्ताह का समय बचा हुआ है, तो ये आंकड़े कहां से आ गए? ये पूरी प्रक्रिया ही संदेह के घेरे में है।"

तेजस्वी का ट्वीट भी आया सामने

इससे पहले तेजस्वी यादव ने एक तीखा ट्वीट करते हुए केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा था। उन्होंने लिखा—

"केंद्र की मोदी सरकार कैसे चुनाव आयोग के माध्यम से मतदाता सूची पुनरीक्षण के बहाने लोकतंत्र का चीरहरण कर संविधान को खत्म करने पर उतारू है? चुनाव में हार देख हर प्रकार के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।"

राजनीतिक हलचल तेज, विपक्ष हमलावर

बिहार में मतदाता सूची से बड़ी संख्या में नाम हटाए जाने को लेकर विपक्षी दलों में आक्रोश है। तेजस्वी यादव के बयान के बाद और स्पष्ट हो गया है कि यह मुद्दा आने वाले दिनों में न सिर्फ बिहार विधानसभा बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी तूल पकड़ सकता है। विशेषकर जब 2024 लोकसभा चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में मतदाता सूची से नाम हटाने जैसे मुद्दों को लेकर विपक्ष कोई मौका नहीं चूकना चाहता।

बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में SIR को लेकर उठा विवाद अब राष्ट्रीय स्वरूप लेता दिख रहा है। तेजस्वी यादव के आक्रामक तेवर और विपक्षी एकता की रणनीति के चलते यह मुद्दा आगामी INDIA गठबंधन बैठक में गर्मा सकता है। कल ही असम में राहुल गांधी ने कहा था कि चुनाव आयोग BJP के लिए काम कर रहा है। हम बिहार में चुनाव की चोरी नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा था कि कुछ समय पहले महाराष्ट्र में चुनाव हुआ और वहां BJP ने जबरदस्त तरीके से चीटिंग की। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच चार महीने में एक करोड़ नए मतदाता बने। हमने चुनाव आयोग से पूछा- ये लोग कहां से आए, ये कौन हैं.. हमें वोटर लिस्ट दिखाइए और वीडियोग्राफी दीजिए। लेकिन.. चुनाव आयोग ने हमें आजतक वोटर लिस्ट नहीं दी, उल्टे वीडियोग्राफी से जुड़ा कानून ही बदल दिया।

अब देखना यह होगा कि चुनाव आयोग और केंद्र सरकार इस पर क्या रुख अपनाते हैं और क्या वाकई कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण सामने आता है या नहीं।