ओबामा की हां में हां मिलाई न्यूयार्क टाइम्स ने, संपादकीय में मोदी की चुप्पी को बताया खतरनाक
अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा और प्रमुख अख़बार न्यूयॉर्क टाइम्स ने भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को खतरनाक बताया है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने इसे "Modi’s Dangerous Silence" कहा है।

ओबामा ने भारत में बढ़ती असहिष्णुता पर जताई चिंता
- न्यूयॉर्क टाइम्स का संपादकीय: मोदी की चुप्पी खतरनाक
- धर्मांतरण और अल्पसंख्यकों पर हमले: मोदी की जिम्मेदारी
- क्या गांधी होते तो रोते? ओबामा और न्यूयॉर्क टाइम्स की संयुक्त चिंता
अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा और प्रमुख अख़बार न्यूयॉर्क टाइम्स ने भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को खतरनाक बताया है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने इसे "Modi’s Dangerous Silence" कहा है।
नई दिल्ली 22 दिसंबर, 2015। प्रमुख अमेरिकी अखबार न्यूयार्क टाइम्स ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की हां में हां मिलाते हुए भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को खतरनाक बताया है।
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अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हाल ही में कहा था कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में सभी धर्मों के बीच व्याप्त ‘असहिष्णुता के कृत्य’ से महात्मा गांधी स्तब्ध रह जाते। इसके बाद न्यूयार्क टाइम्स ने अपने संपादकीय (New York Times EDITORIAL) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ने की अपील की है।
न्यूयार्क टाइम्स ने शनिवार को अपने संपादकीय 'मोदीज डेंजरस साइलेंस' (Modi’s Dangerous Silence) में लिखा है, "भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा पर नरेंद्र मोदी को चुप्पी तोड़ने में कितना वक्त लगेगा।"
What is your stance on Gujarat Genocide, Mr. President?
संपादकीय के मुताबिक, "भारतीयों का नेतृत्व करने और उनकी सुरक्षा के लिए निर्वाचित व्यक्ति ने अब तक ईसाइयों के धर्मस्थलों पर हुए हमले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। पैसे का प्रलोभन देकर कई ईसाइयों और मुसलमानों के हिंदू धर्म में किए गए धर्मातरण पर भी उन्होंने कुछ नहीं बोला है।"
न्यूयार्क टाइम्स ने कहा है, "बढ़ती असहिष्णुता में मोदी की लगातार चुप्पी लोगों को यह संकेत दे रही है कि वह न तो हिंदू राष्ट्रवादी उपद्रवी तत्वों को नियंत्रित कर सकते हैं और न ही करना चाहते हैं।"
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ओबामा ने पिछले महीने अपने भारत दौरे के दौरान नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा था कि अगर भारत धार्मिक आधार पर बंटा तो प्रगति नहीं कर पाएगा। अखबार ने ओबामा के इस वक्तव्य का जिक्र करते हुए कहा है कि मोदी को धार्मिक असहिष्णुता पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए।
मूलतः Dec 22, 2015 को प्रकाशित


