विपक्ष के सामने झुक गई सरकार, 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा को तैयार

The government bowed down to the opposition, is ready to discuss 'Operation Sindoor'
सरकार ने मानी विपक्ष की मांग, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर संसद में होगी विस्तृत बहस
विपक्ष के प्रतिरोध के बाद सरकार 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा को तैयार, राज्यसभा में 9 और लोकसभा में 16 घंटे होगी बहस
संसद के मानसून सत्र में विपक्ष के दबाव के बाद सरकार 'ऑपरेशन सिंदूर' और पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा को तैयार हुई। लोकसभा में 16 और राज्यसभा में 9 घंटे बहस तय...
नई दिल्ली, 21 जुलाई 2025। संसद का मानसून सत्र सोमवार को पहले ही दिन उस समय गरम हो गया जब कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर तत्काल चर्चा की मांग की। पहले ही दिन संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ, जिस वजह से सदन की कार्यवाही को बार-बार स्थगित करना पड़ा। इस बीच, संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के लिए सरकार तैयार हो गई है। लोकसभा में 16 घंटे और राज्यसभा में 9 घंटे इस मुद्दे पर बहस होगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में संसद के मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में विभिन्न विधेयकों और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए समय निर्धारित किया गया है। 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर लोकसभा में 16 घंटे और राज्यसभा में 9 घंटे की चर्चा के लिए सहमति बनी है। इसके अलावा, 'भारतीय डाक विधेयक' पर लोकसभा में 3 घंटे की चर्चा का समय तय किया गया है।
साथ ही, 'आयकर संशोधन विधेयक' पर लोकसभा में 12 घंटे तक विस्तृत चर्चा होगी। इसके अलावा, 'राष्ट्रीय खेल विधेयक' पर 8 घंटे की चर्चा निर्धारित की गई है और 'मणिपुर बजट' पर 2 घंटे की चर्चा होगी।
बता दें कि संसद के मानसून सत्र के पहले दिन विपक्षी सांसदों ने 'ऑपरेशन सिंदूर' और 'पहलगाम आतंकी हमले' पर सदन में चर्चा कराने की मांग की थी, जिस पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने जमकर हल्ला-गुल्ला किया था, जिसके चलते लोकसभा स्पीकर ने सदन की कार्यवाही पहले 12 बजे फिर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी।
इसी बीच लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi, Leader of Opposition in Lok Sabha) ने मीडिया से बात करते हुए बड़ी बात कही। केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि मैं विपक्ष का नेता हूं, लेकिन मुझे सदन में बोलने नहीं दिया जा रहा है।
लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित होने के बाद संसद परिसर में मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "सवाल ये है कि जो सदन में रक्षा मंत्री को बोलने देते हैं, उनके (सरकार) लोगों को बोलने देते हैं, लेकिन अगर विपक्ष का कोई नेता कुछ कहना चाहता है तो अनुमति नहीं है। मैं विपक्ष का नेता हूं, मेरा हक है, तो मुझे कभी बोलने ही नहीं देते हैं। ये एक नया एप्रोच है।''
राहुल गांधी ने आगे कहा कि परंपरा कहती है कि यदि सरकार की तरफ से लोग बोल सकते हैं, तो हमें भी बोलने की जगह मिलनी चाहिए। हम दो शब्द कहना चाहते थे, मगर विपक्ष को इसकी इजाजत नहीं है।
खड़गे ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत सभी कार्य स्थगित कर इस गंभीर मुद्दे पर प्राथमिकता के आधार पर बहस कराने की अपील की।
खड़गे ने कहा,
“मैंने नियमों के तहत नोटिस दिया है कि पहलगाम में जो आतंकी हमला हुआ और उसके बाद जो 'ऑपरेशन सिंदूर' चला, उस पर तत्काल चर्चा की जाए। देश की एकता और सुरक्षा से जुड़ा यह मामला अत्यंत संवेदनशील है। देश की जनता जानना चाहती है कि इस हमले के पीछे कौन था, हमारी खुफिया एजेंसियों और सैन्य तैयारियों में कहां कमी रही?”
राज्य सभा में नेता विपक्ष खड़गे ने जोर देकर कहा कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुआ आतंकी हमला बेहद चिंताजनक है और आज तक न तो हमलावर पकड़े गए हैं और न ही मारे गए।
"यह हमारे देश की सुरक्षा प्रणाली पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न है," खड़गे ने कहा।
उन्होंने इस बात का हवाला दिया कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा स्वयं इस हमले में चूक की बात स्वीकार चुके हैं। साथ ही चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS), सेना के उप प्रमुख और एक वरिष्ठ डिफेंस अटैची ने इस पूरे ऑपरेशन पर महत्वपूर्ण और संवेदनशील जानकारियां दी हैं, जिन्हें सदन के सामने लाया जाना आवश्यक है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दावे पर भी उठाए सवाल
इस मौके पर खड़गे ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान का भी उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच उन्होंने युद्धविराम (सीजफायर) करवाया।
खड़गे ने कहा कि "ट्रंप यह दावा 24 बार कर चुके हैं। यह भारत की संप्रभुता और कूटनीतिक गरिमा के खिलाफ है। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि ट्रंप का यह दावा कितना सही है और भारत का इस पर क्या रुख है?"
सरकार की ओर से जवाब, पर विपक्ष असंतुष्ट
राज्यसभा में नेता सदन और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने विपक्ष की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा को तैयार है। उन्होंने कहा,
“देश की आज़ादी के बाद से इस तरह का सैन्य ऑपरेशन कभी नहीं हुआ। सरकार खुली चर्चा चाहती है। सभापति इस पर चर्चा के लिए दिन और समय तय करें, हम पूरी तैयारी के साथ जवाब देंगे।”
सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि इस विषय पर चर्चा के लिए प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया है और जल्द ही चर्चा की तारीख तय की जाएगी। लेकिन विपक्षी सांसद इससे संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने "प्रधानमंत्री सदन में आओ" के नारे लगाने शुरू कर दिए और बहस की बजाय प्रधानमंत्री के सदन में आकर खुद स्थिति स्पष्ट करने की मांग की।
सदन में हंगामा, कार्यवाही स्थगित
सदन में बढ़ते शोर-शराबे और सत्ता पक्ष के हंगामे को देखते हुए सभापति ने कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित कर दी।
उल्लेखनीय है कि इस बार मानसून सत्र 21 जुलाई से लेकर 21 अगस्त तक चलेगा। यह सत्र 32 दिन तक चलेगा। इस दौरान 21 बैठकें होंगी।
स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए संसद के दोनों सदन 12 अगस्त से 17 अगस्त तक स्थगित रहेंगे। इसके बाद 18 अगस्त को सत्र फिर से शुरू होगा।


