नेट निरपेक्षता - बड़े कारोबारियों के हितों का दूसरा शब्द न बनने पाए डिजिटल इंडिया : राहुल
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार नेट निरपेक्षता पर सुसंगत नीति नहीं बना पाई। कांग्रेस नेता ने डिजिटल इंडिया को स्वतंत्र इंटरनेट से जोड़ने की मांग की

नेट निरपेक्षता पर राहुल गांधी का वक्तव्य
- Rahul Gandhi bashes BJP over net neutrality, differential pricing
- राहुल गांधी ने मोदी सरकार से नेट निरपेक्षता पर स्पष्ट नीति की मांग की
- राहुल गांधी नेट निरपेक्षता पर बयान
- मोदी सरकार और नेट निरपेक्षता नीति
- Digital India और इंटरनेट की आज़ादी
- कांग्रेस का रुख नेट न्यूट्रैलिटी पर
- ट्राई रिपोर्ट और नेट निरपेक्षता विवाद
राहुल गांधी इंटरनेट स्वतंत्रता की मांग
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार नेट निरपेक्षता पर सुसंगत नीति नहीं बना पाई। कांग्रेस नेता ने डिजिटल इंडिया को स्वतंत्र इंटरनेट से जोड़ने की मांग की।
दिल्ली, 31 जनवरी, 2016 । कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार नेट निरपेक्षता के मुद्दे पर अभी तक कोई सुसंगत नीति नहीं बना सकी है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम बड़े औद्योगिक घरानों के हितों की रक्षा करने वाला दूसरा शब्द भर बनकर न रह जाए।
राहुल ने एक बयान में कहा, "नैस्काम (सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों का शीर्ष निकाय) नेट निरपेक्षता मांग रहा है, 500 स्टार्ट अप उद्यमी इसके लिए गुहार लगा रहे हैं, देश के नौजवान इसे मांग रहे हैं, इसके बावजूद हमारी एक ऐसी सरकार है जो लगातार विचार-विमर्श की बात की आड़ में इस पर कोई भी साफ नीति बनाने में देरी कर रही है।"
प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए राहुल ने बयान में कहा,
"डिजिटल इंडिया को बड़े कारपोरेट घरानों द्वारा इंटरनेट को नियंत्रित करने का दूसरा मीठा-मीठा शब्द नहीं बन जाना चाहिए। इसका अर्थ सभी के लिए इंटरनेट तक पहुंच, पूर्ण पहुंच होना चाहिए। यह होना चाहिए कि डिजिटल इंडिया के जरिए देश के अधिक से अधिक लोग इंटरनेट सुविधा से जुड़ सकेंगे।"
राहुल ने कहा कि उनकी कांग्रेस पार्टी हमेशा से इंटरनेट की आजादी और नेट निरपेक्षता की पक्षधर रही है। उनकी पार्टी का कहना है कि 'इंटरनेट सर्विस प्रदाता (आईएसपी), दूरसंचार सर्विस प्रदाता (टीएसपी) और सरकार को इंटरनेट पर समस्त डाटा को एक समान मानना चाहिए।'
राहुल ने कहा,
"कांग्रेस और उनकी खुद की राय इस विश्वास से बनी है कि इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले को यह हक होना चाहिए कि वह जिस भी वेबसाइट को चाहे, खोल सके।"
उन्होंने कहा कि लाखों भारतीयों की तरह वह भी एक स्वतंत्र इंटरनेट के पक्ष में मोदी सरकार की प्रतिबद्धता और इसके पक्ष में ट्राई की रपट की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
राहुल ने कहा, ‘चूंकि लाखों भारतीयों की बात है, इसलिए मैं उत्सुकता के साथ ट्राई रिपोर्ट (जो 31 जनवरी को आने के लिए निर्धारित थी) को और संपूर्णता के साथ खुले इंटरनेट के पक्ष में मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को देखने की उम्मीद कर रहा हूं जहां मूल्य में अंतर या वीओआईपी के संबंध में कोई अस्पष्टता नहीं हो।’ कांग्रेस उपाध्यक्ष के मुताबिक वह जानते हैं कि पिछले कुछ महीने इंटरनेट की आजादी और नेट न्यूट्रिलिटी से जुड़े कार्यकर्ताओं, सिविल सोसायटी और शोधकर्ताओं के लिए आसान नहीं रहे, जो ‘बाजार की भ्रामक चालों’ के बावजूद जनता को उपयोगी और प्रासंगिक जानकारी प्रसारित करने के अभियान में शामिल रहे। उन्होंने कहा, ‘मैं उनकी अदम्य भावना को सलाम करता हूं और उन्हें बधाई देना चाहता हूं।’


