वरिष्ठ पत्रकार राकेश अचल के विषय में जानकारी राकेश अचल की पत्रकारिता परंपरागत पत्रकारिता के उस मानदंड की ज्योति रहती है जिसमें सत्य, समालोचनात्मक दृष्टिकोण और जनभावनाओं से जुड़ाव सर्वोपरि होता है। स्वतंत्र लेखन, कविताएँ, यात्रा वृत्तांत और उपन्यास—सभी माध्यमों में उनकी धाराप्रवाह लेखनी ने अकथनीय प्रभाव छोड़ा है। उनके संदेश में हमेशा सवाल पूछने की स्वतंत्रता, समाज की न्यायपूर्ण समझ और निष्पक्ष दृष्टिकोण का सामंजस्य मिलता है। राकेश अचल (Rakesh Achal) देश भर में चार दशक से अधिक समय तक सक्रिय रहे वरिष्ठ पत्रकार, लेखक व कवि हैं। उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत पूर्व ‘जनसत्ता’ और ‘नयी दुनिया’ जैसे प्रतिष्ठित समाचारपत्रों से की और बाद में दैनिक भास्कर, दैनिक आचरण, हिंदी मेल, लोकगाथा, सांध्य समाचार जैसे पत्र-पत्रिकाओं में काम किया। 2023 में ‘लोकजतन सम्मान’ से सम्मानित किए गए, जो पत्रकारिता के साहस, ईमानदारी और जनपक्षधरता के मानदंडों पर खरे पत्रकारों को दिया जाता है। 2024 में उन्हें मध्य प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा प्रदान की गयी प्रतिष्ठित साहित्यिक मान्यता ‘सप्तपर्णी सम्मान’ से नवाजा गया। राकेश अचल की पत्रकारिता समय-समीक्षा, पाठक से संवाद और सामाजिक सरोकारों में प्रतिबद्ध है। उन्होंने समाज की विभिन्न अवस्थाओं, गुमनाम जनता की कहानियों, आंदोलनों और परिवर्तनशील विषयों पर लगभग प्रतिदिन लिखना जारी रखा । उनका लेखन 'घुमक्कड़ प्रवृत्ति' वाला माना जाता है—उन्होंने अमेरिका, चीन समेत दर्जन भर देशों की यात्रा की है और समसामयिक अनुभवों को अपनी रिपोर्टिंग व साहित्य में उतारा है। पत्रकारिता के साथ उन्होंने सामाजिक चेतना, लोकतंत्र और सत्य बोलने की प्रतिबद्धता को हमेशा प्राथमिकता दी है।