RSS ने गांधी की हत्या की, मोदी गांधी का नाम कैसे ले सकते हैं- आज़म खां
RSS ने गांधी की हत्या की, मोदी गांधी का नाम कैसे ले सकते हैं- आज़म खां
जिनका संविधान में विश्वास नहीं है, वे संविधान की दुहाई न दें
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आज़म खां ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उनके असहिष्णुता संबंधी बयान को लेकर निशाना साधा है। मोदी द्वारा यह कहे जाने पर कि भारत में असहिष्णुता की भावना नहीं है, आज़म खां ने असंतोष जाहिर किया। आज़म खां ने कहा कि मोदी किस तरह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम ले सकते हैं, जबकि उनकी हत्या सहिष्णुता सिखाने के कारण ही की गई थी।
समाचार एजेंसी एएनआई ने आज़म खां का एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा है- विदेश में लोग प्रधानमंत्री से हाल के दिनों में हमारे देश में बढ़ रही असहिष्णुता की भावना पर ईमानदार जवाब चाहते थे, लेकिन उन्होंने अपने बचाव में बौद्ध धर्म और गांधीवाद काजिक्र किया। पर जब बौद्ध धर्म भारत में पौलना शुरू हुआ तो एक मुक्ति अभियान शुरू हुआ था, इसमें बौद्ध धर्म के अनुयायियों की हत्याएं की गई थीं। आप देख सकते हैं कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने गांधी के साथ क्या किया? उनकी हत्या की। प्रधानमंत्री ने जो कहा वह जवाब नहीं था और उन्हें ऐसी प्रतिक्रिया देना चाहिए, जिसे दुनिया स्वीकार करे।
आज़म खां ने कहा जो लोग संविधान को बदलना चाहते हैं और जिनका संविधान में विश्वास नहीं है, वे संविधान की दुहाई न दें।
बता दें कि भारत में सत्तारूढ़ दल के संरक्षण में बढ़ती असहिष्णुता के आरोपों को झेल रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी अंततः कहना ही पड़ा है कि भारत कभी भी असहिष्णुता को बर्दाश्त नहीं करेगा। भारत भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी का देश है।
मोदी ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के साथ साझा संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही थी। उन्होंने असहिष्णुता भड़काने वालों पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया था।
भारत में सांप्रदायिक तनाव के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मोदी ने संवाददाताओं से कहा था, "भारतीय अधिकारी इस तरह की (हिंसक) घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।"
उन्होंने भारत को भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी का देश बताते हुए कहा था, " भारत असहिष्णुता को बर्दाश्त नहीं करेगा।"
मोदी ने कहाथा, "हम एक लोकतंत्र हैं। अभिव्यक्ति की आजादी के प्रति संकल्पबद्ध हैं। हम एक असहिष्णु समाज नहीं हैं।"
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