रूस, जापान और अलास्का में 8.7 तीव्रता का भूकंप आने के बाद सुनामी जैसी स्थिति बनी। सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास ने कैलिफोर्निया व तटीय क्षेत्रों में रहने वाले भारतीयों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है...

प्रशांत महासागर के कई हिस्सों में सुनामी का खतरा

नई दिल्ली, 30 जुलाई 2025. रूस के कामचटका प्रायद्वीप (Kamchatka Peninsula of Russia) में बुधवार तड़के 8.7 तीव्रता का भीषण भूकंप आया। इसका प्रभाव इतना व्यापक था कि जापान, अलास्का और अमेरिका के पश्चिमी तटीय इलाकों में सुनामी जैसी स्थिति बन गई है। प्रशांत महासागर में तेज़ हलचल के बाद कई देशों ने सुनामी अलर्ट जारी कर दिया है।

भारतीय दूतावास की चेतावनी—ऊँचे स्थानों पर रहें, सतर्क रहें

सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर जानकारी दी कि वे संभावित सुनामी ख़तरे की निगरानी कर रहे हैं। दूतावास ने कैलिफोर्निया, हवाई और अमेरिका के पश्चिमी तटीय राज्यों में रहने वाले भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

दूतावास ने कहा कि लोग स्थानीय अमेरिकी आपातकालीन एजेंसियों, यूएस सुनामी चेतावनी केंद्र, और प्रशासन की दिशा-निर्देशों पर ध्यान दें। आपातकाल की स्थिति में +1-415-483-6629 हेल्पलाइन नंबर और आधिकारिक ईमेल पर संपर्क किया जा सकता है।

हाई अलर्ट पर जापान में सरकार, प्रधानमंत्री कार्यालय की तत्काल कार्रवाई

जापान सरकार ने भी होक्काइडो और अन्य पूर्वी तटीय क्षेत्रों के लिए सुनामी चेतावनी जारी की है। जापान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने तुरंत कार्रवाई के निर्देश देते हुए कहा कि :

“जनता को समय पर सूचना दी जाए, त्वरित निकासी कराई जाए, और सरकार व स्थानीय प्रशासन मिलकर जीवन रक्षा की सर्वोच्च प्राथमिकता के सिद्धांत पर काम करें।”

जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (JMA) ने निवासियों से अपनी वेबसाइट के माध्यम से आगमन समय और लहरों की ऊंचाई की जानकारी लेते रहने की भी अपील की है।

रूस, अमेरिका और जापान में हाई अलर्ट, तटीय इलाकों में निगरानी तेज

रूस, जापान और अमेरिका के आपातकालीन प्रबंधन एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। इन देशों में तटीय इलाकों में निकासी, सुरक्षा उपायों और समुद्र की निगरानी के लिए व्यापक तैयारी की जा रही है।

सुनामी क्या होती है? जानिए इसका वैज्ञानिक अर्थ

सुनामी एक जापानी शब्द है जिसका अर्थ होता है—"बंदरगाह पर उठने वाली विशाल लहर"। यह आमतौर पर समुद्र के नीचे भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट, भूस्खलन या किसी बड़े उल्कापिंड की टक्कर से उत्पन्न होती है।

सुनामी में पानी की एक बड़ी मात्रा अचानक ऊँचाई पर उठती है और जब वह तटों की ओर बढ़ती है तो बेहद तेज़ और विनाशकारी लहरों का रूप ले लेती है। ये लहरें 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भी तेज हो सकती हैं और कई किलोमीटर तक अंदर तक तबाही मचा सकती हैं।

सतर्क रहें, सुरक्षित रहें

रूस, जापान और अलास्का में आए 8.7 तीव्रता के इस भूकंप ने वैश्विक चिंता बढ़ा दी है। भारतीय नागरिकों और प्रवासियों को सावधानी बरतने, स्थानीय प्रशासन की सलाह मानने, और तटीय क्षेत्रों से दूर रहने की ज़रूरत है।

सुनामी की वास्तविक आशंका चाहे जितनी हो—सतर्कता ही सर्वोत्तम सुरक्षा है।