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बनारस

बनारस
बनारस को काशी और अविमुक्त क्षेत्र जैसे कई नामों से जाना जाता है। यह शहर हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्मों के लिए पवित्र माना जाता है। बनारस का इतिहास, संस्कृति और धार्मिक महत्व गंगा नदी, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और इसके घाटों से जुड़ा हुआ है।
बनारस — जिसे वाराणसी या काशी के नाम से भी जाना जाता है — भारत की सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक राजधानी मानी जाती है। गंगा नदी के तट पर बसा यह नगर न केवल प्राचीनतम जीवित नगरों में से एक है, बल्कि भारतीय सभ्यता, दर्शन, संगीत, कला और अध्यात्म का केंद्र भी रहा है।
हस्तक्षेप न्यूज़ पोर्टल के "बनारस" टैग के अंतर्गत आप इस ऐतिहासिक नगर से जुड़ी खबरें, विश्लेषण, सांस्कृतिक गतिविधियाँ, राजनीतिक घटनाक्रम, सामाजिक मुद्दे और ज़मीनी सच्चाइयों पर आधारित रिपोर्टें पढ़ सकते हैं। यहाँ गंगा की सफाई से लेकर धार्मिक पर्यटन, शिक्षा संस्थानों से लेकर स्थानीय राजनीति, और बनारस की बदलती पहचान तक—हर पहलू पर सूक्ष्म दृष्टि डाली जाती है।
यह टैग उन पाठकों के लिए उपयोगी है जो बनारस को केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि भारतीय समाज और राजनीति के एक जीवंत केन्द्र के रूप में समझना चाहते हैं।
वाराणसी- बहुलतावादी संस्कृति बनाम सांस्कृतिक राष्ट्रवाद
बनारस के बहुलतावादी सांस्कृतिक ढांचे को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद से कैसे चुनौती मिल रही है, इस पर अंशु शरण का विश्लेषणात्मक लेख


