डिजिटल युग में मानवाधिकारों को मिले प्राथमिकता: वोल्कर टर्क की चेतावनी और अपील
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने डिजिटल युग में मानवाधिकारों की प्राथमिकता पर ज़ोर देते हुए WSIS 2025 में चेतावनी दी कि AI, डेटा और तकनीक के तेज़ विकास के बीच अभिव्यक्ति की आज़ादी और निजता जैसे मूल अधिकारों की रक्षा ज़रूरी है।

डिजिटल तकनीक और मानवाधिकार: साथ-साथ बढ़ने की चुनौती
- वोल्कर टर्क ने WSIS में क्या कहा?
- निजता, अभिव्यक्ति और भेदभाव के खतरों पर चेतावनी
- तकनीकी कंपनियों की ज़िम्मेदारी और वैश्विक सहयोग की आवश्यकता
- WSIS की भूमिका और 20 वर्षों की उपलब्धियाँ
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डेटा पर वैश्विक निर्णयों का समय
भविष्य की दिशा: समावेशी और मानव-केंद्रित डिजिटल शासन
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने डिजिटल युग में मानवाधिकारों की प्राथमिकता पर ज़ोर देते हुए WSIS 2025 में चेतावनी दी कि AI, डेटा और तकनीक के तेज़ विकास के बीच अभिव्यक्ति की आज़ादी और निजता जैसे मूल अधिकारों की रक्षा ज़रूरी है। पढ़िए संयुक्त राष्ट्र समाचार की खबर
डिजिटल युग में, मानवाधिकारों को मिले प्राथमिक और मज़बूत जगह, वोल्कर टर्क
8 जुलाई 2025 मानवाधिकार
जैसाकि हम जानते हैं, डिजिटल प्रौद्योगिकियाँ, समाज के हर पहलू में, अपनी मज़बूत जगह व पकड़ बनाती जा रही हैं, ऐसे में संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने आगाह किया है कि इस परिवर्तन की दिशा तय करते समय, मानवाधिकारों बहुत अहमियत दिया जाना ज़रूरी है.
डिजिटल तकनीकों में, समाजों और व्यक्तियों की प्रगति को आगे बढ़ाने और अधिकारों को सशक्त बनाने की अपार सम्भावनाएँ हैं, जिसमें लोगों को आपस में जोड़ना, स्वास्थ्य और शिक्षा तक पहुँच बेहतर बनाना शामिल है.
मगर, मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने चेतावनी दी कि इन तकनीकों के तेज़ी से बदलते स्वरूप के साथ गम्भीर जोखिम भी जुड़े हुए हैं. मसलन, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक, निजता का उल्लंघन, भेदभाव और हमारे साझा सच व वास्तविकता की समझ को चुनौती देने वाले बढ़ते ख़तरे.
वोल्कर टर्क ने, सोमवार को, जिनीवा में आयोजित विश्व सूचना समाज शिखर सम्मेलन (WSIS) की 20वीं वर्षगाँठ पर, एक उच्च स्तरीय कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा, "जब हम इतने बड़े बदलाव के दौर से गुज़र रहे हैं, तब हमें कम नहीं, बल्कि और अधिक मानवाधिकारों की ज़रूरत है."
अधिकारों को प्राथमिकता
मानवाधिकार उच्चायुक्त ने कहा कि इस तेज़ बदलाव के दौर में मानवाधिकारों को प्राथमिकता दी जानी होगी और उन्हें कार्रवाई की रूपरेखा के रूप में अपनाया जाना होगा.
उच्चायुक्त टर्क ने कहा, "देशों की क़ानूनी ज़िम्मेदारियाँ और तकनीकी कम्पनियों का मानवाधिकारों का सम्मान करने का दायित्व, न केवल भ्रामक सूचनाओं से निपटने में मदद करता है, बल्कि डेटा के अवैध उपयोग से भी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है."
इसके साथ ही, यह मार्गदर्शन एल्गोरिदमिक पक्षपात और ऑनलाइन नफ़रत भरे भाषण को रोकने में भी मदद करता है, और भरोसेमन्द व समावेशी डिजिटल फ़ैसले लेने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाता है.
WSIS की भूमिका
वर्ष 2001 में स्थापित WSIS की पहली बैठक दो चरणों में आयोजित की गई थी.
पहला चरण दिसम्बर 2003 में जिनीवा में और दूसरा नवम्बर 2005 में ट्यूनिस, इटली में आयोजित किया गया था.
यह मंच, तब से विभिन्न हितधारकों को एक साथ लाकर डिजिटल शासन पर सहयोग को बढ़ावा देने और एक ऐसा डिजिटल परिदृश्य विकसित करने का प्रयास करता रहा है, जो मानव-केन्द्रित, समावेशी और विकास को प्राथमिकता देता हो.
मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने कहा, “WSIS ने देशों, तकनीकी कम्पनियों, नागरिक समाज और अन्य समूहों के लिए यह अवसर प्रदान किया कि वे सूचना और संचार तकनीकों की शक्ति का उपयोग विकास के लिए कर सकें.”
बदलाव का समय
उच्चायुक्त टर्क ने बताया कि आने वाले महीनों में डिजिटल क्षेत्र के नियमन से जुड़े कई अहम फ़ैसले लिए जाने वाले हैं. इनमें कृत्रिम बुद्धिमता (AI) और डेटा प्रबन्धन पर संयुक्त राष्ट्र के नए तंत्र शामिल होंगे.
उन्होंने कहा, “हमारे पास बदलाव लाने का एक सुनहरा अवसर है.”
उन्होंने देशों, तकनीकी कम्पनियों, अन्तरराष्ट्रीय संगठनों, नागरिक समाज सहित तमाम पक्षों से, एकजुट होकर एक समावेशी व खुला डिजिटल माहौल बनाने की अपील की, जो हर किसी के लिए, हर जगह उपलब्ध हो.
20 years after #WSIS—the 1st world summit on digital cooperation—we face critical choices on #AI & data governanceLeaders must deliver on their commitments to protect human rights in the digital ageNow is the time to work together & build an open & safe digital future for all— Volker Türk (@volker_turk) July 7, 2025


