जानिए किस विटामिन की कमी से नींद में कंधे की नस चढ़ जाती है?
विटामिन डी की कमी और मांसपेशीय दर्द का संबंध विटामिन डी की कमी से पीठ और गर्दन दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन का संबंध : इलाज से हुआ 70% तक सुधार विटामिन डी की कमी से गर्दन और पीठ दर्द व मांसपेशियों की ऐंठन हो सकती है। एक केस स्टडी में 70% तक सुधार पाया गया।...

the relationship between vitamin d deficiency and muscle pain
विटामिन डी की कमी और मांसपेशीय दर्द का संबंध
- मरीजों की केस स्टडी: दर्द में 70% तक सुधार
- गर्दन और पीठ दर्द में विटामिन डी की भूमिका
- शोध क्या कहता है?
- वरिष्ठ नागरिकों और कम धूप पाने वालों के लिए चेतावनी
विटामिन डी की कमी से पीठ और गर्दन दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन का संबंध : इलाज से हुआ 70% तक सुधार
विटामिन डी की कमी से गर्दन और पीठ दर्द व मांसपेशियों की ऐंठन हो सकती है। एक केस स्टडी में 70% तक सुधार पाया गया। जानें पूरी रिपोर्ट।
नई दिल्ली। एक हालिया केस स्टडी में यह सामने आया है कि लंबे समय तक गर्दन और पीठ दर्द तथा मांसपेशियों में ऐंठन से पीड़ित मरीजों में विटामिन डी की कमी या अपर्याप्तता (Vitamin D Deficiency and Insufficiency) बड़ी भूमिका निभा सकती है। इस अध्ययन में शामिल सभी चार मरीजों को जब 12 सप्ताह तक प्रति सप्ताह 50,000 IU विटामिन डी की खुराक दी गई, तो उनके लक्षणों में 70% से अधिक सुधार देखा गया।
मामलों की प्रस्तुति
अध्ययन “Treating Vitamin D Deficiency and Insufficiency in Chronic Neck and Back Pain and Muscle Spasm: A Case Series” में ऐसे मरीजों की जांच की गई जो 6 महीने से 1 वर्ष तक गर्दन और पीठ दर्द से पीड़ित थे। इन मरीजों को पहले भौतिक चिकित्सा (Physical Therapy) और दर्द निवारक दवाएं (जैसे NSAIDs) दी गईं, लेकिन राहत नहीं मिली। कुछ मामलों में एपिड्यूरल स्टेरॉयड इंजेक्शन भी दिए गए, जो प्रभावहीन रहे।
जब इन मरीजों की रक्त जांच करवाई गई तो विटामिन डी की कमी पाई गई। इसके बाद 12 सप्ताह तक हर सप्ताह 50,000 IU विटामिन डी दिया गया। मरीजों ने स्वयं बताया कि दर्द और ऐंठन में उल्लेखनीय कमी आई है।
चर्चा
इस केस स्टडी के अनुसार, विटामिन डी की कमी मांसपेशियों और कंकाल तंत्र के दर्द, विशेष रूप से गर्दन और पीठ में, का कारण बन सकती है या उसे बढ़ा सकती है।
अध्ययन यह सुझाव देता है कि जब गर्दन या पीठ दर्द का पारंपरिक इलाज असफल हो, तब विटामिन डी की जांच कर इसका इलाज करना न सिर्फ लक्षणों को कम कर सकता है, बल्कि महंगे इलाज का बोझ भी घटा सकता है।
पृष्ठभूमि और शोध निष्कर्ष
ऐतिहासिक रूप से विटामिन डी की कमी को ऑस्टियोपोरोसिस, रिकेट्स और ऑस्टियोमलेशिया जैसी हड्डी संबंधी बीमारियों से जोड़ा जाता रहा है। लेकिन हाल के वर्षों में यह पता चला है कि यह कमी उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग और कई ऑटोइम्यून रोगों से भी संबंधित हो सकती है।
विटामिन डी और मस्कुलोस्केलेटल दर्द के संबंध (The relationship of vitamin D and musculoskeletal pain) पर सीमित लेकिन विरोधाभासी अध्ययन हुए हैं। कुछ रिपोर्टों में विटामिन डी सप्लिमेंट से पुराने दर्द में राहत का उल्लेख किया गया है, जबकि कुछ अन्य अध्ययनों ने इसका प्रभाव नगण्य बताया है। बावजूद इसके, विटामिन डी की कमी (Vitamin D deficiency) को एक सरलता से सुधारी जा सकने वाली स्थिति माना गया है।
निष्कर्ष
इस केस सीरीज़ से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि यदि मरीजों में विटामिन डी की कमी या अपर्याप्तता है, तो इसकी पूर्ति करने से क्रॉनिक गर्दन और पीठ दर्द व मांसपेशियों की ऐंठन (Chronic neck and back pain and muscle spasms) में स्पष्ट सुधार हो सकता है। खासतौर से वे मरीज जिन्हें नियमित दवाओं और फिजियोथेरेपी से राहत नहीं मिली हो, उन्हें विटामिन डी की जांच (Vitamin D test) अवश्य करवानी चाहिए।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष चेतावनी : जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर में विटामिन डी के संश्लेषण की क्षमता (Ability to synthesize vitamin D) घटती जाती है। ऐसे में बुजुर्गों को विटामिन डी सप्लिमेंट (Vitamin D Supplement) लेने की विशेष आवश्यकता हो सकती है।
"सभी को विटामिन डी की नियमित जांच करवानी चाहिए, खासकर जो लोग धूप में कम समय बिताते हैं।"
— डॉ. एंड्रू वील, अमेरिकी चिकित्सक और लेखक
The relationship between vitamin D deficiency and muscle pain