UNESCO: विश्व धरोहर सूची में 24 नए स्थल शामिल, असम का मोइदाम भी मान्यता प्राप्त
UNESCO ने विश्व धरोहर सूची में 24 नए स्थलों को शामिल किया है, जिनमें असम का मोइदाम भी शामिल है। मोइदाम, भारत का 43वां विश्व धरोहर स्थल बन गया है।

UNESCO World Heritage: 26 new sites inscribed
UNESCO ने विश्व धरोहर सूची में 24 नए स्थलों को शामिल किया है, जिनमें असम का मोइदाम भी शामिल है। मोइदाम, भारत का 43वां विश्व धरोहर स्थल बन गया है। नई दिल्ली में हुई बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया, जिसमें वैश्विक धरोहर संरक्षण (World heritage protection) पर भी चर्चा की गई।इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र समाचार की खबर
UNESCO: विश्व धरोहर सूची में 24 नए स्थल, असम का मोइदाम भी शामिल
संयुक्त राष्ट्र के सांस्कृतिक मामलों के संगठन - UNESCO की विश्व धरोहर सूची में 24 नए विरासत स्थलों (19 सांस्कृतिक, 4 प्राकृतिक व एक मिश्रित स्थल) को जगह मिली है जिनमें भारत के असम प्रदेश में स्थित मोइदाम भी शामिल हैं. नई दिल्ली में, विश्व धरोहर समिति की बुधवार को सम्पन्न हुई बैठक में ये निर्णय लिया गया.
असम के मोइदामों को भारत का 43वाँ विश्व धरोहर स्थल बनने का गौरव प्राप्त हुआ. मोइदाम, यह दर्जा हासिल करने वाले, असम के पहले सांस्कृतिक स्थल हैं.
चराइदेओ ज़िले में स्थित मोइदाम, अहोम राजवंश के पवित्र दफ़न स्थल हैं, जिनमें ताई-अहोम के राजाओं और राजघराने के सदस्यों के अवशेष हैं. मोइदाम, छह शताब्दियों की सांस्कृतिक व वास्तु-कला का विकास दर्शाते हैं.
विश्व धरोहर सूची में 24 नए धरोहर स्थलों को स्थान मिलने के बाद, अब UNESCO विश्व धरोहर सूची में अंकित स्थलों की संख्या 1,223 पर पहुँच गई है. इसमें कुल मिलाकर 952 सांस्कृतिक, 231 प्राकृतिक व 40 मिश्रित स्थल शामिल हैं.
यूनेस्कों की विश्व धरोहर सूची में सबसे अधिक 59 स्थल, इटली के हैं, इसके बाद 57 स्थलों के साथ चीन का स्थान है. भारत 43 स्थलों के साथ छठे स्थान पर है.
1983 में अंजता-एलोरा गुफ़ा (महाराष्ट्र), आगरा (उत्तर प्रदेश) में स्थित ताजमहल और आगरे का क़िला, सबसे पहले यूनेस्को की सूची में शामिल किए गए थे.
फ़लस्तीन के सैंट हिलेरियौं/तैल उम अमर के मठ को विश्व धरोहर सूची तथा ख़तरे में विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है.
संरक्षण स्थिति का विश्लेषण
नई दिल्ली में हुइ इस बैठक में, समिति ने विश्व धरोहर सूची में पहले से ही अंकित 123 स्थलों के संरक्षण की स्थिति की जाँच की. साथ ही काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य के 4 स्थलों पर एक साझा निर्णय लिया गया.
सेनेगल के एक स्थल –नियोकोलो-कोबा राष्ट्रीय उद्यान को ख़तरे की विश्व विरासत की सूची से हटा दिया गया है.
विश्व धरोहर संरक्षण में योगदान
21 से 31 जुलाई तक चली इस बैठक की मेज़बानी पहली बार भारत ने की है. बैठक के उदघाटन के समय, भारत सरकार ने विश्व धरोहर सहेजने के प्रयासों के लिए 10 लाख डॉलर चन्दा देने का भी ऐलान किया.
भारत के सांस्कृतिक व पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने वैश्विक धरोहर संरक्षण में भारत के योगदान को रेखांकित करते हुए, अंकोर वाट, कम्बोडिया, वियतनाम के चाम मंदिरों और म्याँमार के बागन में स्थित स्तूपों के लिए, भारत के संरक्षण प्रयासों पर प्रकाश डाला.
उन्होंने कहा कि इस बार सूची में अंकित मोइदाम समेत 43 विश्व धरोहर स्थलों की एक अभूतपूर्व सूची, धरोहर संरक्षण में भारत के वैश्विक नेतृत्व का प्रमाण है.
भारतीय मंत्री ने, वैश्विक स्तर पर संस्कृति के महत्व को बढ़ाने में भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत की अध्यक्षता में हुए जी20 सम्मेलन में, नई दिल्ली घोषणापत्र 2023 (NDLD) के तहत, 2030 के बाद के विकास ढाँचे में एक महत्वपूर्ण लक्ष्य के रूप में संस्कृति का समर्थन करना, एक आदर्श बदलाव दर्शाता है.
द्विपक्षीय समझौते
बैठक के दौरान द्विपक्षीय वार्ताएँ भी आयोजित की गईं. सांस्कृतिक सम्पदा की अवैध तस्करी से निपटने के लिए, भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच सांस्कृतिक सम्पत्ति को लेकर एक समझौता किया गया.
इसके अलावा, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने क्षमता निर्माण और मूर्त विरासत पर अनुसंधान के लिए ICCROM के साथ एक समझौता किया.
बैठक स्थली पर भारत की संस्कृति के प्रदर्शन हेतु, विभिन्न प्रदर्शनियाँ भी लगाई गईं. वैश्विक उदारता और इतिहास के प्रति सम्मान का प्रदर्शन करते हुए, हाल ही में 350 से अधिक धरोहर वस्तुएँ भारत वापस लौटाई गई हैं.
‘रिटर्न ऑफ़ ट्रैज़र्स’ प्रदर्शनी में, देश में वापस लाई गई इन कलाकृतियाँ का प्रदर्शन किया गया.
भारत में यूनेस्को के निदेशक, टिम कर्टिस ने बैठक का सार देते हुए कहा, “पिछले 10 दिन, मानवता की साझा धरोहर का उत्सव रहे हैं. यह पहली बार था कि यूनेस्को विश्व धरोहर समिति की बैठक भारत में हुई है, और यह एक उत्कृष्ट सत्र रहा - जिसमें विश्व धरोहर पर चर्चा के लिए, 136 देशों के लगभग 1,400 प्रतिनिधियों और 2,900 प्रतिभागियों ने शिरकत की.”
उन्होंने कहा, “कुल मिलाकर, सत्र में लगभग 40 अतिरिक्त कार्यक्रम (side events) भी आयोजित किए गए थे, जिसमें धरोहर सहेजने से जुड़े, दुनिया भर के पेशेवरों को भारत की सांस्कृतिक धरोहर की गहराई व विस्तार को क़रीब से समझने और सराहने का अवसर मिला.”
Tim Curtis, Director @unesconewdelhi & Yadubir Singh Rawat, DG @ASIGoI talk about the significance of the #Moidams- the Mound-Burial System of Ahom Dynasty to celebrate its inscription on the #WorldHeritage List. It's the 43rd #WorldHeritageSite in India.@ASIGoI @UNESCO pic.twitter.com/5BKi58FNzq
— UNESCO New Delhi ️ #Education #Sciences #Culture (@unesconewdelhi) July 26, 2024
UNESCO: 24 new sites included in the World Heritage List, Moidam of Assam also recognized