विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने क्यों किया अपना एक्स अकाउंट लॉक?

  • देशभक्ति और सोशल मीडिया ट्रोलिंग का कड़वा सच
  • क्या कश्मीरी होना अब देशभक्ति पर सवाल है?
  • ट्रोल्स की हिंसा और एक अफसर का परिवार

सीजफायर के बाद सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का शिकार बने विदेश सचिव विक्रम मिस्री और उनकी बेटी। क्या आज के भारत में किसी की राष्ट्रीयता उसकी जाति, राज्य या अतीत से तय होती है?

मतलब कि देश महान हो गया

विदेश सचिव विक्रम मिस्री को अपना एक्स अकाउंट लॉक करने के लिए मजबूर होना पड़ा। युद्ध विराम कि घोषणा के बाद उन्हें और उनकी बेटी को बुरी तरह ट्रोल किया गया था।

परिवार पर क्या गुज़री होगी, समझा जा सकता है। लेकिन देशभक्ति का 'पागलपन' आख़िर सोचने समझने की अनुमति कहां देता है? क्यों देगा?

पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ बड़े पैमाने पर जवाबी कार्रवाई की मांग करने वाले लोग युद्ध विराम से बौरा गए थे। इस खुंदक में उन्हें और उनके परिवार को गद्दार, देशद्रोही और बेशर्म जैसे अपमानजनक शब्दों से नवाज़ा गया।

विक्रम मिस्री की बेटी कानून की छात्रा हैं। उन्होंने एक दशक पहले रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए काम किया था और उन्हें कानूनी सहायता दिए जाने में पहल की थी। यह उनका बहुत बड़ा 'गुनाह' था।

विक्रम मिस्री भी कम 'गुनाहगार' नहीं। उनके गुनाह का सबसे बड़ा सबूत तो यही है कि वह कश्मीर के हैं और इसीलिए उनकी देशभक्ति संदिग्ध है। भारत में रहना था तो उन्हें कश्मीर का नहीं होना था। प्रशासनिक सेवा में भी नहीं जाना था।

अब भुगतो!!!

भारतीयता जाए भाड़ में

भारत माता की जय हो

आदियोग

इंसानी बिरादरी

लखनऊ

(यह लेखक के निजी विचार हैं)

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Web title: Vikram Misri is no less guilty! Meaning that the country has become great