विश्व पर्यावरण दिवस 2025: प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करने की वैश्विक पुकार
प्लास्टिक प्रदूषण से घुट रहा है धरती का दम सर्कुलर इकोनॉमी की ओर—अब नहीं तो कभी नहीं विश्व पर्यावरण दिवस 2025 (World Environment Day 2025) पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दुनिया को चेताया: प्लास्टिक प्रदूषण (Plastic Pollution) हमारी धरती, जलवायु और जीवन के लिए घातक बन चुका है। संयुक्त राष्ट्र समाचार के इस...

world environment day 2025
प्लास्टिक प्रदूषण से घुट रहा है धरती का दम
- माइक्रोप्लास्टिक का खतरा—आपके भोजन और साँस में है ज़हर
- संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी और महासचिव की पुकार
- क्या हम प्लास्टिक के बिना जीवन की कल्पना कर सकते हैं?
- समाधान क्या हैं? पुनरावृत्ति, पुनर्चक्रण और नीति
सर्कुलर इकोनॉमी की ओर—अब नहीं तो कभी नहीं
विश्व पर्यावरण दिवस 2025 (World Environment Day 2025) पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दुनिया को चेताया: प्लास्टिक प्रदूषण (Plastic Pollution) हमारी धरती, जलवायु और जीवन के लिए घातक बन चुका है। संयुक्त राष्ट्र समाचार के इस लेख में जानिए —कैसे प्लास्टिक कचरा हर साल लाखों टन समुद्रों में समा रहा है, कैसे माइक्रोप्लास्टिक हमारी सेहत को चुपचाप बर्बाद कर रहा है, और क्या हैं समाधान?
विश्व पर्यावरण दिवस: प्लास्टिक कचरा मुक्त भविष्य की ओर क़दम बढ़ाने की पुकार
5 जून 2025 एसडीजी
प्लास्टिक प्रदूषण से हमारी पृथ्वी का दम घुट रहा है, पारिस्थितिकी तंत्रों की सेहत व जलवायु को नुक़सान पहुँच रहा है. नदियाँ, महासागर प्लास्टिक कचरा की गंदगी से बुरी तरह प्रभावित हैं और वन्यजीवन ख़तरे में है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने 5 जून को ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ के अवसर पर आम नागरिकों व समुदायों को साथ में लेकर प्लास्टिक प्रदूषण की चुनौती से निपटने की पुकार लगाई है.
विश्व भर में, हर साल 40 करोड़ टन कचरे का उत्पादन होता है, जिसमें से आधी मात्रा केवल एक बार इस्तेमाल में लाने के लिए ही तैयार की जाती है. उसमें से 10 फ़ीसदी से कम कचरे की ही री-सायकलिंग हो पाती है.
एक अनुमान के अनुसार, 1.1 करोड़ टन कचरा हमारी नदियों, झीलों और सागरों में हर साल समा रहा है, जोकि 2,200 आइफ़िल टावर (फ़्राँस का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल) के वज़न के बराबर है.
माइक्रोप्लास्टिक, यानि 5 मिलिमीटर व्यास वाले प्लास्टिक के महीन कण, हमारे भोजन, जल और हवा में घुल रहे हैं. यह आशंका है कि हर व्यक्ति हर वर्ष 50 हज़ार से अधिक प्लास्टिक कणों को निगल रहा है.
प्लास्टिक प्रदूषण से हमारी पृथ्वी का दम घुट रहा है, पारिस्थितिकी तंत्रों की सेहत व जलवायु को गहरा नुक़सान पहुँच रहा है. नदियाँ, महासागर प्लास्टिक कचरा की गंदगी से बुरी तरह प्रभावित हैं और वन्यजीवन ख़तरे में कराह रहा है.
इन चुनौतियों के मद्देनज़र, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने 5 जून को ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ के अवसर पर आम नागरिकों व समुदायों को साथ में लेकर प्लास्टिक प्रदूषण की चुनौती से निपटने की पुकार लगाई है.
यूएन महासचिव ने अपने सन्देश में कहा कि यह विश्व पर्यावण दिवस, प्लास्टिक प्रदूषण को मात देने वाले समाधानों पर ध्यान केन्द्रित कर रहा है.
“और यह सही भी है. प्लास्टिक प्रदूषण, हमारे ग्रह का दम घोंट रहा है – पारिस्थितिकियों, बेहतर रहन-सहन और जलवायु को हानि पहुँचा रहा है.”
“प्लास्टिक कूड़ा-कचरा, नदियों के बहाव को रोकता है, समुद्र को प्रदूषित करता है, और वन्य-जीवन को ख़तरे में डालता है.”
उन्होंने चिन्ता जताई कि ये प्लास्टिक छोटे-छोटे कणों में विभाजित होकर, पृथ्वी के हर कोने में घुसपैठ करता है: ऐवरेस्ट पर्वत चोटी के शीर्ष से लेकर, समुद्र की गहराई तक; मानव मस्तिष्कों से लेकर; मानव छाती के दूध तक.
ठोस कार्रवाई की ओर
उन्होंने इस विशाल चुनौती से निपटने के लिए जारी प्रयासों व मुहिम का उल्लेख करते हुए कहा कि हम लगातार प्रबल होती मानव सक्रियता देख रहे हैं.
“चीज़ों को पुनः प्रयोग करने और अधिक जवाबदेही की दिशा में क़दम. और प्लास्टिक के एकल प्रयोग को कम करने व कूड़ा-कचरा प्रबन्धन को बेहतर बनाने के लिए नीतियाँ.”
मगर, यूएन प्रमुख ने सचेत किया कि हमें इससे भी आगे जाना होगा, तेज़ गति से. इस क्रम में, उन्होंने प्लास्टिक प्रदूषण को ख़त्म करने के इरादे से, एक नई वैश्विक सन्धि पर महत्वाकांक्षी और न्यायसंगत सहमति का आग्रह किया है.
एक ऐसी सहमति जो प्लास्टिक के जीवन-चक्र को, सर्कुलर अर्थव्यवस्था के नज़रिए से देखे, समुदायों की आवश्यकताओं को समझे और उन पर कार्रवाई करे.
यूएन प्रमुख ने कहा कि एक साथ मिलकर, प्लास्टिक प्रदूषण के अभिशाप को ख़त्म करना होगा ताकि सभी के लिए एक बेहतर भविष्य को आकार दिया जा सके.


