अल फ़शर अस्पताल में 460 की मौत, WHO का बयान

  • युद्ध से तबाह सूडान में स्वास्थ्य सेवाओं पर लगातार हमले
  • बच्चों और महिलाओं पर भी संकट, यूनीसेफ़ ने जताई चिंता
  • रैडक्रॉस के पाँच कार्यकर्ताओं की हत्या, ICRC ने कहा – “मूर्खतापूर्ण कृत्य”

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों की अपील – “हिंसा तुरन्त रुके, मानवीय पहुँच बहाल हो”

सूडान के उत्तरी दारफ़ूर के अल फ़शर शहर (Al Fasher city in North Darfur, Sudan) में RSF लड़ाकों द्वारा कथित जनसंहार ने दुनिया को झकझोर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पुष्टि की कि सऊदी प्रसूति अस्पताल (Saudi Maternity Hospital) में 460 मरीजों और उनके परिजनों की हत्या की गई। युद्धग्रस्त सूडान में अब तक 285 स्वास्थ्य संस्थानों पर हमले हो चुके हैं।

यूनीसेफ़ ने चेतावनी दी कि अल फ़शर में लगभग 1.3 लाख बच्चे गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों के जोखिम में हैं। वहीं, रेडक्रॉस ने अपने पाँच स्थानीय कार्यकर्ताओं की हत्या की पुष्टि की है। संयुक्त राष्ट्र और मानवीय संगठनों ने हिंसा रोकने और नागरिकों की सुरक्षा के लिए तत्काल युद्धविराम की मांग की है। पढ़िए संयुक्त राष्ट्र समाचार की यह ख़बर...

सूडान: अल फ़शर के अस्पताल में कथित जनसंहार में 460 लोगों की मौत

29 अक्टूबर 2025 शान्ति और सुरक्षा

सूडान में, त्वरित समर्थन बल (RSF) के लड़ाकों द्वारा किए गए सामूहिक अत्याचारों की भयावह कहानियाँ लगातार सामने आ रही हैं, साथ ही सूडान के उत्तरी दारफ़ूर के अल फ़शर शहर से हज़ारों लोग पलायन कर गए हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अल फ़शर के सऊदी प्रसूति अस्पताल में, 460 मरीज़ों और उनके साथियों की हत्या कर दिए जाने की ख़बरों पर गहरा क्षोभ और आश्चर्य व्यक्त किया है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के मुखिया डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा है कि इस हमले से पहले, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने युद्ध की शुरुआत से लेकर अब तक, सूडान में स्वास्थ्य सेवा पर 285 हमलों की पुष्टि की है.

इन हमलों में कम से कम 1 हज़ार 204 लोगों की मौत हुई है और 400 से ज़्यादा स्वास्थ्यकर्मी व मरीज़ घायल हुए हैं.

कभी सहयोगी रहे आरएसएफ़ और सैन्य सरकार के बलों ने अप्रैल 2023 में राजधानी ख़ारतूम और उसके आसपास युद्ध शुरू कर दिया था - एक ऐसी लड़ाई जिसने तब से पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया है.

डॉक्टर टैड्रॉस ने अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत सभी स्वास्थ्य कर्मियों और नागरिकों की सुरक्षा की माँग करते हुए कहा, "स्वास्थ्य सेवा पर सभी हमलों को तुरन्त और बिना शर्त बन्द किया जाना होगा."

आरएसएफ़ के क़ब्जे से भाग रहे बहुत से लोगों ने क्षेत्रीय राजधानी अल फ़शर से लगभग 60 किलोमीटर दूर तवीला में पनाह ली है, जो कुछ दिन पहले तक सरकार द्वारा नियंत्रित आख़िरी शहर था.

संयुक्त राष्ट्र सहायता समन्वय कार्यालय - OCHA ने सोशल मीडिया पर कहा कि कई लोग "अत्यधिक प्यासे, घायल और सदमे की अवस्था में" तवीला पहुँचे हैं. "संयुक्त राष्ट्र और सहायता संगठन, जीवन रक्षक मदद प्रदान कर रहे हैं, लेकिन हिंसा को अवश्य रोका जाना होगा."

बच्चे भी सुरक्षित नहीं है

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ की प्रमुख कैथरीन रसैल ने कहा है, "कोई भी बच्चा सुरक्षित नहीं है. बड़े पैमाने पर संचार व्यवस्था ठप होने के कारण, प्रभाव का पूरा स्तर अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन अल फ़शर में अनुमान 1 लाख 30 हज़ार बच्चे मानवाधिकारों के गम्भीर उल्लंघन के उच्च जोखिम में हैं. जिनमें अपहरण, हत्या और अपंगता, और यौन हिंसा की ख़बरें शामिल हैं."

मानवीय सहायता कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिए जाने या उनकी हत्या किए जाने की भी ख़बरें हैं.

यूनीसेफ़ ने, हिंसा को रोकने, सुरक्षित और निर्बाध मानवीय पहुँच, नागरिकों - विशेषकर बच्चों - की सुरक्षा और शरण चाहने वाले परिवारों के लिए अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के अनुरूप सुरक्षित मार्ग की गारंटी के लिए, तत्काल युद्धविराम की माँग की है.

कैथरीन रसैल ने कहा कि मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए ज़िम्मेदार सभी लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.

रेडक्रॉस कार्यकर्ताओं की हत्या

अन्तरराष्ट्रीय रैडक्रॉस समिति (ICRC) ने बुधवार को उत्तरी कोर्डोफ़न प्रान्त के बारा में, स्वयंसेवकों के रूप में काम कर रहे पाँच स्थानीय कर्मचारियों की हत्या पर गहरा दुख व्यक्त किया.

रैडक्रॉस ने एक कहा है, "हमें यह ख़बर सुनकर बहुत गहरा सदमा पहुँचा है और आक्रोश भी हुआ है. हम इस भयावह और मूर्खतापूर्ण कृत्य की कड़े शब्दों में निन्दा करते हैं."

रैडक्रॉस ने, हिंसा से प्रभावित "सभी लोगों और समुदायों की सुरक्षा, सम्मान और संरक्षण को बनाए रखने के प्रयास" के तहत, सूडान में चल रहे मानवीय कार्यों का समर्थन करने का संकल्प व्यक्त किया है.