अखिलेश के कंधों पर सवार रामगोपाल यादव मुलायम से पुराने हिसाब चुकता करेंगे ?
अखिलेश के कंधों पर सवार रामगोपाल यादव मुलायम से पुराने हिसाब चुकता करेंगे ?
अखिलेश के कंधों पर सवार मास्टर रामगोपाल यादव मुलायम से पुराने हिसाब चुकता करेंगे ?
नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के 50 वर्ष लंबे राजनीतिक कैरियर में यह पहला अवसर है जब उनके घर से ही उन पर ओछे वार किए जा रहे हैं। घर में बैठकर मुलायम पर वार करने वालों में अब मास्टर रामगोपाल यादव खुलकर सामने आ गए हैं।
मास्टर रामगोपाल यादव ने मुलायम सिंह यादव को तल्ख चिट्ठी लिखकर कहा है कि ‘, सपा के पतन के लिए नेताजी आप जिम्मेदार होंगे।’
अपनी चिट्ठी के जरिए रामगोपाल ने एक तरह से ये संदेश दे दिया है कि नेताजी के फैसलों से पार्टी डूबने की तरफ है। उन्होंने कहा, अगर आप चाहते हैं कि पार्टी फिर 100 से नीचे चली जाए तो आप चाहे जो फैसला लें।
पार्टी चाहे जिसे टिकट दें, लेकिन जीतेगा तो वही जिसकी हैसियत होगी। सपा तभी चुनाव जीतेगी जब पार्टी का चेहरा अखिलेश होंगे।
रामगोपाल ने नेताजी के सलाहकारों पर निशाना साधा है, उन्होंने पत्र में लिखा है, लोगों को कष्ट यह है कि पहले नंबर पर चल रही पार्टी कुछ गिने-चुने लोगों की गलत सलाह के चलते काफी पीछे छूट गई है। ये जो आजकल आपको सलाह दे रहे हैं, जनता की निगाह में उनकी हैसियत शून्य हो गई है।
दरअसल रामगोपाल यादव अब अखिलेश यादव के कंधों पर सवार होकर मुलायम सिंह से अपने पुराने हिसाब चुकता करना चाहते हैं, जिसमें वे कामयाब भी हो रहे हैं।
मुलायम सिंह यादव के 50 वर्ष लंबे राजनीतिक कैरियर में विरोधी दलों ने भी मुलायम के खिलाफ ऐसी अभद्र शब्दावली प्रयोग नहीं की होगी, जैसी रामगोपाल और अखिलेश की टीम कर रही है।
सवाल यह है कि सपा में नंबर दो की हैसियत रखने वाले रामगोपाल मुलायम का घर तोड़ने पर आमादा क्यों हैं?
कुछ जानकारों का कहना है कि रामगोपाल, मुलायम के सगे चचेरे भाई नहीं हैं। (अब यह बातकितना सही है या गलत, इसकी पुष्टि सैफई राजवंश ही कर सकता है)। जब मुलायम सिंह को राजनीति में कुछ पढ़े लिखे लोगों की जरूरत महसूस हुई तो रामगोपाल ने इसका पायदा उठाया और सपा में अपनी पकड़ मजबूत कर ली। लेकिन रामगोपाल कार्यकर्ताओं में हमेशा अलोकप्रिय रहे और उनकी छवि बदमिजाज व कार्यकर्ताओं से अभद्रता करने वाले की ही रही।
रामगोपाल के साम्राज्य को पहली बार चुनौती तब मिली जब मुलायम के सगे भाई शिवपाल यादव को सपा की कमान मिली।
बाहुबली की छवि रखने वाले शिवपाल जल्द ही कार्यकर्ताओं में लोकप्रिय हो गए और पुराने समाजवादियों में भी उन्होंने अपनी स्वीकार्यता बना ली। इसके बाद रामगोपाल का ग्राफ कार्यकर्ताओं में गिरता ही गया, लेकिन मुलायम फिर भी उन्हें सम्मान देते ही रहे।
कहा तो ये भी जाता है कि एक समय में अमर सिंह के साथ मिलकर शिवपाल के खिलाफ मीडिया में नकारात्मक खबरें रामगोपाल ही मैनेज करते थे और आज भी अखिलेश के साथ मिलकर रामगोपाल शिवपाल-मुलायम के खिलाफ पेड मीडिया में ख़बरें मैनेज करा रहे हैं।
कहा जा रहा है कि अखिलेश को औरंगज़ेब के रास्ते पर चलने को प्रेरित करने के लिए रामगोपाल की अहम भूमिका है। ऐसा करके वो मुलायम से पुराने हिसाब चुकता भी कर लेंगे और अखिलेश को भी किसी दीन का नहीं छोड़ेंगे। अखिलेश के जरिए सपा का विभाजन कराकर रामगोपाल, मुलायम और अखिलेश दोनों से अपने हिसाब चुकता कर लेंगे।
एटा के विधायक आशीष यादव ने रामगोपाल यादव के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आरोप लगाया था कि जिन लोगों को प्रोफेसर रामगोपाल यादव के कहने पर पार्टी में शामिल किया गया है, वो गुर्गे के रूप में काम कर रहे हैं और भूमाफिया एवं अवैध शराबखोरी में लगे हुए हैं। इससे पार्टी की बदनामी हो रही है।
Now, Ram Gopal Yadav warns SP chief, backs Akhilesh.
Samajwadi Party MP Ram Gopal Yadav has written to his chief Mulayam Singh Yadav that the latter would be held responsible if the party did not perform well in the assembly elections due next year.
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