अखिलेश ने खोल दिया अश्वमेघ का घोड़ा, मुलायम-शिवपाल को दी सूचना

अंबरीश कुमार

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अंततः प्रदेश के विधान सभा चुनाव के लिए अश्वमेध का घोड़ा खोल दिया है। वे ठीक एक महीने की देरी से चुनाव अभियान शुरू करने जा रहे हैं। वे तीन नवंबर से चुनाव अभियान ' विकास से विजय ' की ओर शुरू कर रहे है। और उनके साथ पार्टी संगठन के सभी नौजवान चेहरे होंगे जिन्हें पार्टी निकाल चुकी है। पर अब वे अपनी पूरी टीम के साथ नए और अत्याधुनिक ठिकाने पर जा चुके हैं। अत्याधुनिक इसलिए क्योंकि प्रदेश में किसी भी राजनैतिक दल का इस तरह का दफ्तर नहीं मिलेगा।

पुराना मुख्यालय ही लगता है शिफ्ट हो गया है जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट में, जिसका गेट खुला रहता है और गेट पर जो बोर्ड लगा है उसपर लिखा है ,जनेश्वर -लोहिया के लोग।
अखिलेश यादव के साथ लगता है समूचा पार्टी मुख्यालय ही शिफ्ट हो गया है।
समाजवादी पार्टी के मुख्यालय के चर्चित सेवक रूपलाल से लेकर संगठन संभालने वाले एसआर यादव के साथ।

रोचक यह है कि उन्होंने एक पत्र से इसकी सूचना समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को दी है तो प्रतिलिपि महासचिव राम गोपाल यादव और प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव को भेज दी है।

समाजवादी पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत हो और राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ प्रदेश अध्यक्ष को पत्र से सूचित कर दिया जाए, यह इस पार्टी में पहली बार हो रहा है। पर इसके लिए पूरी तरह जिम्मेदार राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ही हैं, जिन्होंने अपनी राजनैतिक साख पिछले एक महीने में गंवा दी है। समाजवादी पार्टी के परंपरागत मतदाताओं के बीच वे एक खलनायक बनते जा रहे हैं।

दिल्ली के एक वरिष्ठ पत्रकार ने हाल ही में पूर्वांचल खासकर आजमगढ़ ,गाजीपुर और जौनपुर के यादव बहुल इलाकों का दौरा किया तो वहां ज्यादातर लोग मुलायम सिंह यादव से नाराज नजर आए, खासकर पिछले एक महीने के घटनाक्रम से। इन लोगों का मानना था कि अमर सिंह और उनके खेमे के लोगों ने नेताजी को गुमराह किया है। साथ ही घर के दबाव के चलते मुलायम सिंह ने एक नहीं कई फैसले ऐसे किए जिससे लोग हतप्रभ रह गए।
अब अखिलेश की बारी थी।
नया घर, नया दफ्तर और जोश में भरे कार्यकर्ताओं के साथ वे अपने नए ठिकाने से नई शुरुआत कर रहे है।

सही मायने में यह शुरुआत आज हुई है।

कैबिनेट मंत्री और जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट के मुख्य कर्ताधर्ता राजेंद्र चौधरी ने आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का मुलायम सिंह यादव के नाम लिखा पत्र जारी कर यह सूचना दी।
ऐसा नहीं कि अखिलेश यादव की चुनावी तैयारी में कहीं से कोई कमी थी बल्कि हाल के घटनाक्रम के चलते यह देरी हुई।
मुलायम सिंह यादव ने आगामी पांच नवंबर को पार्टी का रजत जयंती समारोह कार्यक्रम तय किया है और उसकी जिम्मेदारी कथित प्रतिबद्ध समाजवादी गायत्री प्रजापति को दी है। इसके बाद वे रथ यात्रा पर निकलने वाले हैं।

पर उस सबसे पहले अखिलेश यादव अपना चुनाव अभियान शुरू करने जा रहे है।

संदेश साफ़ है जिसको साथ आना है वे आएं या फिर शिवपाल यादव, अमर सिंह, अंसारी बंधु, गायत्री प्रजापति से लेकर अमन मणि जैसे समाजवादियों की गोल में शामिल हो जाएं। अब फैसला समाजवादी पार्टी के चुनाव लड़ने वालों को लेना है। खेमे पहले ही बंट चुके हैं। अब चुनावी सेना कूच करने जा रही है। जो लोग समाजवादी पार्टी को कवर करते रहे हैं उन्हें सिर्फ बीते चार दिन में दोनों खेमों की राजनैतिक ताकत का अहसास हो चुका है।

फिलहाल अखिलेश यादव पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव से ज्यादा बड़ी लकीर खींचते नजर आ रहे हैं।

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