लखनऊ, 29 मार्च। उत्तर प्रदेश में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अफसरों की कुल संख्या 407 है. इसके विपरीत अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री काल में मार्च 2012 से मार्च 2017 की अवधि में उत्तर प्रदेश में कुल 2454 आईपीएस अधिकारियों के तबादले हुए थे. यह तथ्य आरटीआई कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर को आईजी कार्मिक, उत्तर प्रदेश पी सी मीना द्वारा दी गयी सूचना से सामने आया है.

आरटीआई सूचना के अनुसार यूपी में 78 आईपीएस अफसर ऐसे हैं जिनका इस 5 साल की अवधि में 10 या उससे अधिक बार तबादला हुआ. इनमे उमेश कुमार श्रीवास्तव के सर्वाधिक 20 तबादले हुए जबकि अनीस अहमद अंसारी का 18, राजेंद्र प्रसाद पाण्डेय का 17 तथा दिलीप कुमार का 16 बार तबादला हुआ.

हाल में निलंबित हुए हिमांशु कुमार सहित 05 आईपीएस अफसरों का 5 वर्षों में 15 बार तबादला हुआ.

अखिलेश राज में 215 आईपीएस अफसरों का 05 या उससे अधिक बार तबादला हुआ. इस अवधि में सबसे कम तबादला होने वालों में संजय तरडे (एक बार सीबी-सीआईडी) और कमल सक्सेना (एक बार गृह विभाग) रहे जिनका पूरे काल में एक ही बार तबादला हुआ.

आरटीआई सूचना के अनुसार इस अवधि में सबसे अधिक समय तक निलंबित रहने वाले अफसर आईजी अमिताभ ठाकुर थे जिन्हें 10 माह निलंबित रखा गया जबकि अन्य निलंबित होने वाले अफसर कुछ दिनों या 2-3 महीने में बहाल कर दिए गए.

इन सूचना के अनुसार यूपी में एक आईपीएस अफसर की सेवा अवधि में 27.3 तबादले का औसत पाया गया. पूरी सेवा अवधि में सर्वाधिक तबादला आईजी प्रमोद कुमार मिश्रा का है जिनका 33 साल में 55 बार तबादला हुआ. इसके अलावा आईजी विजय कुमार गर्ग का 52 बार, डीआईजी उमेश कुमार श्रीवास्तव तथा आईजी आर के स्वर्णकार का 51 बार तथा एडीजी गोपाल लाल मीना का 50 बार तबादला हुआ है. यूपी में 50 ऐसे आईपीएस अफसर हैं जिनका पूरे सेवा में 40 या अधिक बार तबादला हुआ है.

नूतन ठाकुर के अनुसार इन भारी तबादलों का परिणाम यह रहा कि इस 05 वर्ष की अवधि में औसतन 1.3 आईपीएस अफसर प्रति दिन की दर से तबादला हुए जो प्रति आईपीएस 6 तबादले का औसत हुआ