मेरठ, 09 अगस्त। 1942 के अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन Quit India Movement का मेरठ से अगुवाई करने वाले असौड़ा रियासत के राजा चौधरी रघुवीर नारायण सिंह त्यागी (Raja Asoda Chaudhary Raghuvir singh Tyagi) थे। उनके सहयोगी के तौर पर झड़ीना के जमींदार चौधरी अतर सिंह तहसीलदार ने आंदोलन के लिए आर्थिक मदद की व उनके भतीजे चौधरी देवी शरण त्यागी भैया जी भी साथ रहे और जेल भी गए।

"अगर अंग्रेजों के पास सैकड़ों राजा हैं तो हमारे पास भी राजा असौड़ा चौधरी रघुबीर नारायण सिंह हैं : महात्मा गाँधी"

आपके दादा राजा श्री हरदयाल सिंह 1857 प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में आखिरी शहंशाह बहादुर शाह ज़फर के कोषाध्यक्ष थे, जिनके धन की वजह से आज़ादी का पहला ग़दर लड़ा गयाl

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चौ. रघुवीर नारायण सिंह त्यागी ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान मेरठ में 'कांग्रेस अधिवेशन 1946' आयोजित करवाया जिसकी उन्होंने अध्यक्षता भी की थी। उन्होंने अपना बहुत कुछ धन यश कीर्ति देश के लिए समर्पित करके राष्ट्र आंदोलन में आगे बढ़कर काम किया। उनके चाचा ने भी कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में सक्रिय भूमिका निभाई थी।

मेरठ को दे गए गांधी आश्रम, त्यागी हॉस्टल

उन्होंने मेरठ खादी को प्रमुखता देने के लिहाज से गढ़ रोड स्थित 'गांधी आश्रम' की जमीन खरीदी जिसे उन्होंने डोनेशन के तौर पर दे दिया था।

देश के हित में सेवा कार्यों के दौरान रघुवीर नारायण सिंह ( जन्म 23 मई 1872 ) का नौ जुलाई 1969 को निधन हो गया।

( एक ऐतिहासिक फोटो , असौड़ा गांव ( जनपद हापुड़ ) के चौधरी रघुवीर नारायण त्यागी जी के महल के आगे बनाये गए मंच पर बीच में बैठे महात्मा गांधी और दूसरे चित्र में चौधरी रघुवीर नारायण जी के साथ पंडित जवाहरलाल नेहरू। आजादी से पूर्व का चित्र।)

अभिमन्यु त्यागी