अपने पिता से यही तमीज़ सीख ली होती "समाजवादी औरंगज़ेब" ने
अमलेन्दु उपाध्याय

स्व.रामशरण दास, समाजवादी पार्टी उप्र के आजीवन अध्यक्ष रहे। जिन लोगों ने देखा होगा उन्हें याद होगा कि रामशरण दास जी संज्ञाशून्य हो चुके थे,तब भी वे अध्यक्ष बने रहे और शिवपाल सिंह यादव उनके महासचिव थे। हालांकि रामशरण दास कभी भी पार्टी के चुनावी फैसलों में दखल नहीं देते थे,लेकिन आजीवन उनका सम्मान मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव करते रहे। .

रामशरण दास जी के न रहने पर भी उनका जन्मदिवस शिवपाल सिंह यादव पार्टी कार्यालय में मनाते रहे हैं (और सूचना है,पता नहीं कितना सच है कि औरंगज़ेब इस कार्यक्रम में नहीं जाते थे)।

फर्ज़ कीजिए .. "समाजवादी औरंगज़ेब" सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष होते तो रामशरणदास का क्या हश्र होता ?

औरंगज़ेब ने अपने पिता से कम से कम यही सीख ली होती।

"समाजवादी औरंगज़ेब" तुम काबिल सीएम तो थे ही नहीं (ये हम नहीं कह रहे हैं, उस पत्रिका ने कहा जिसे आपने पेट भरकर विज्ञापन दिया) हाय अफसोस आप एक अच्छे बेटे भी न बन सके।