अमर्त्य सेन की बातों पर सेंसर
अमर्त्य सेन की बातों पर सेंसर
नोबेलजयी अमर्त्य सेन को हमारे देश में अपने सार्वजनिक वक्तव्य में cow (गाय), गुजरात, तथा Hindutva view of India (भारत के बारे में हिंदुत्ववादी दृष्टिकोण) की तरह के शब्दों और पदों के प्रयोग की अनुमति नहीं है। यह निर्देश है भारत के फिल्म सर्टिफिकेशन बोर्ड का।
आज के 'टेलिग्राफ' में यह पहली खबर है कि उनकी पुस्तक Argumentative India पर बनी एक डाक्युमेंट्री में अमर्त्य सेन ने जहाँ-जहाँ इन शब्दों का प्रयोग किया है, उन्हें वहाँ से हटा कर उसे बीप के जरिये हटा देने के लिये कहा गया है ।
इसी वजह से सुमन घोष द्वारा निर्मित यह डाक्युमेंट्री कल कोलकाता में रिलीज़ नहीं की जा सकी, जब कि उसके रिलीज़ की घोषणा पहले ही कर दी गई थी ।
सुमन घोष ने कहा है कि भारत के एक श्रेष्ठ मस्तिष्क की कही गई बातों को सेंसर करना मेरे लिये नामुमकिन है, इसीलिये हमने रिलीज़ के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है ।
देश के हर कोने से अमर्त्य सेन की बातों पर सेंसर लगाने की इस सरकारी धृष्टता का कड़ा प्रतिवाद करने की ज़रूरत है । यह आज चल रही अघोषित सेंसरशिप का ही एक उदाहरण है ।
-from arun mahshari's Facebook Timeline.


