चेन्नई, 14 सितम्बर 2019. तमिलनाडु के दो प्रमुख राजनीतिक दलों द्रविड़ मुनेत्र कड़गम- Dravida Munnetra Kazhagam (डीएमके) और पट्टाली मक्कल काची- Pattali Makkal Katchi (पीएमके) ने शनिवार को कहा कि 'एक राष्ट्र, एक भाषा' (One Nation, One Language') के बहाने हिंदी थोपना देश के लिए विनाशकारी साबित होगा। पार्टियों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के ट्वीट (Amit Shah's tweets) पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें भारत की वैश्विक पहचान होने के लिए एक भाषा के महत्व पर जोर दिया गया है।

शाह ने हिंदी दिवस के अवसर पर ट्वीट किया,

"भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है। मगर पूरे देश की एक भाषा होना अत्यंत आवश्यक है, जो विश्व में भारत की पहचान बने। आज देश को एकता की डोर में बांधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है, तो वह सर्वाधिक बोली जाने वाली हिंदी भाषा ही है।"

शाह के ट्वीट के जवाब में डीएमके प्रमुख एम. के. स्टालिन ने कहा,

"यह चौंकाने वाला है। यह निश्चित रूप से भारत की एकता को प्रभावित करेगा। मैं डीएमके की ओर से उनसे अपील करता हूं कि वह अपने विचार वापस लें।"

स्टालिन ने कहा कि पार्टी यह तय करेगी कि इस तरह के विचारों का किस तरह विरोध किया जाए।

इसके अलावा पीएमके के संस्थापक एस. रामदास ने ट्वीट किया,

"भारत की एकल भाषा होने के लिए हिंदी पर शाह के विचार गलत हैं। उन्हें हिंदी दिवस पर हिंदी भाषा के बारे में बोलने का अधिकार है। लेकिन अन्य भाषाओं को बोलने वाले लोगों पर हिंदी नहीं थोपी जा सकती है।"

रामदास ने कहा कि भारत में बड़ी संख्या में लोगों द्वारा हिंदी बोली जाती है, सिर्फ इस आधार पर यह एकीकरण की शक्ति नहीं हो सकती। उन्होंने कहा, "अगर अन्य भाषाओं को बोलने वाले लोगों पर हिंदी थोपी जाती है तो यह देश को तोड़ देगा। इससे संबंधित कई वैश्विक उदाहरण हैं।"

गौरतलब है कि श्रीलंका और सिंगापुर जैसे देशों में तमिल एक आधिकारिक भाषा है।