अम्बेडकर पेरियार स्टडी सर्किल (आई.आई.टी. मद्रास) की मान्यता समाप्त किये जाने के खिलाफ विभिन्न संगठनों ने अम्बेडकर प्रतिमा जी.पी.ओ. चौराहा हज़रतगंज, लखनऊ के नीचे धरना देकर विरोध दर्ज कराया।
लखनऊ 01 जून, 2015. अम्बेडकर पेरियार स्टडी सर्किल (आई.आई.टी. मद्रास) की मान्यता समाप्त किये जाने के खिलाफ स्टूडेन्टस फैडरेशन ऑफ इण्डिया, भारत की जनवादी नौजवान सभा, अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति, कलम सांस्कृतिक मंच तथा सेन्टर ऑफ इण्डियन ट्रेड यूनियन, ने अम्बेडकर प्रतिमा जी.पी.ओ. चौराहा हज़रतगंज, लखनऊ के नीचे धरना देकर विरोध दर्ज कराया व प्रतिरोध सभा की जिसकी अध्यक्षता सेन्टर ऑफ इण्डियन ट्रेड यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष आर.एस. बाजपेयी तथा संचालन स्टूडेन्टस फैडरेशन ऑफ इण्डिया के जिला सचिव प्रवीन पाण्डेय ने किया।

आई.आई.टी. मद्रास परिसर में एक लम्बे दौर से अम्बेडकर पेरियार स्टडी सर्किल कार्य कर रहा है। अभी उनके द्वारा अपनी पुस्तिकाओं और विचार गोष्ठियों में आर.एस.एस. और भा.जा.पा. की जन विरोधी आर्थिक और सामाजिक नीतियों की आलोचना की गई, जिसके फलस्वरूप घोर अलोकतांत्रिक व तानाशाही पूर्ण तरीके से उसकी मान्यता समाप्त कर दी गई, जिसके खिलाफ पूरे देश में विभिन्न लोकतांत्रिक संगठनों द्वारा विरोध प्रर्दशन किये जा रहे हैं। उसी क्रम में रविवार को लखनऊ के विभिन्न संगठनों ने धरना व प्रतिरोध सभा करके इस तानाशाही पूर्ण कदम के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया।

इस अवसर पर सभा को सम्बाधित करते हुए भारत की जनवादी नौजवान सभा के जिलाध्यक्ष प्रवीन सिंह ने कहा कि भारतीय संविधान में प्रत्येक नागरिक को आर्टिकल 19 ए, के द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार दिया हुआ है, लेकिन पिछले एक वर्ष से केन्द्र में मोदी सरकार आने के बाद से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, व्यक्तिगत लोकतांत्रिक अधिकार पर लगातार हमला किया जा रहा है। अम्बेडकर पेरियार स्टडी सर्किल की मान्यता समाप्त किया जाना उसी हमले की अगली कड़ी है जिसका तीव्र विरोध किया जाना हर इन्साफ पसन्द नागरिक के लिए आवश्यक है।

सभा को सम्बोधित करते हुए सेन्टर ऑफ इण्डियन ट्रेड यूनियन (सीटू) नेता प्रशान्त त्रिवेदी ने कहा कि आर.एस.एस. और भारतीय जनता पार्टी हमेशा से वैकल्पिक विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ रही है और उसकी सोच हमेशा से एक ओर पोंगा पंथ को बढ़ावा देने और हर प्रकार के प्रगतिशील और तरक्की पसन्द विचारों के खिलाफ है। एपीएससी की मान्यता रदद् करना उसी असभ्य और बर्बर सोच का परिणाम है।

सभा को अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की जिला सचिव सीमा राना, कलम सांस्कृति मंच के ऋषि श्रीवास्तव, स्टूडेन्ट फैडरेशन ऑफ इण्डिया के जिलाध्यक्ष अनुपम यादव, भारत की जनवादी नौजवान सभा के जिला सचिव पीयूष मिश्रा, अंजू रावत, प्रशान्त राज, नीतू रावत, आषीश मौर्या, सुरजीत मुखर्जी, सुमन्त सिंह, छोटे लाल पाल आदि ने भी सम्बोधित किया।

प्रवीन पाण्डेय