मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा में हादसा | Accident in Gadarwara of Narsinghpur district of Madhya Pradesh

( हनुमत शर्मा की पोस्ट)

खबर दर्दनाक है लेकिन चूँकि मरने वालो का कोई राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व नहीं है।

ना ही हादसा राजधानी या महानगर में या किसी नेता, अभिनेता के शहर में हुआ इसलिये मीडिया को भी कोई टीआरपी नहीं दिखी।
लिहाजा ये हादसा किसी लाइम लाईट में आये बगैर गुमनामी के अँधेरे में खो गया।

हादसा मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा का है।

जहाँ विवेकानन्द वार्ड स्थित श्मशानघाट से लगी भूमि पर लाखों टन कचरे का पहाड़ जमा हुआ है। इसी पहाड़ की खंदक से सटी कुछ झुग्गियाँ थीं। प्रशासन को ना बेलगाम गति से बढ़ते कचरे के पहाड़ की कोई चिंता रही और ना ही जान के जोखिम में डालकर तनती झुग्गियों की।

झुग्गियाँ डरती तो जाती भी कहाँ ? वर्ना कोई नरक में झुग्गियाँ क्यों बनाता ही क्यों...?

हादसे वाले दिन लगातार बारिश के चलते के चलते कचरे का पहाड़ भरभराकर कर झुग्गियों के ऊपर गिरा और इसी के साथ कीड़े मकौड़े की तरह उनमे बसर करती जिंदगियाँ भी नीचे दब गयीं।

अब तक 12 ‘गरीबों’ की लाश कचरे के नीचे से निकाली जा चुकी है कितने और दबे है कहा नहीं जा सकता।
हालाँकि मुवावजे का कफ़न इनके जख्मो पर डाला जायेगा...
लेकिन एक फेसबुकिया श्रद्धांजलि इन जिंदगियों को हम भी दें....जो हमारे पैदा किये हुये कचरे में पली...और उसी कचरे के तले घुटकर, दबकर खत्म हो गयीं।

यह गाडरवारा आपके शहर में भी हो सकता है....l

गोपाल राठी की फेसबुक वॉल से साभार