आरएसएस का हिन्दुत्व कारपोरेटपरस्त, पहले अंग्रेज़ों के लिए काम करते थे अब अंबानी अडानी के लिए - दारापुरी

पूंजी घरानों के हितों में आदिवासियों व वनवासियों का आखेट कर रही है भाजपा सरकार

खजुरा स्कुल में हुआ वनाधिकार सम्मेलन

अनपरा, सोनभद्र, 29 अक्टूबर 2018, आरएसएस की हिन्दुत्व की राजनीति कारपोरेटपरस्त है और यह विभाजनकारी तरीके से जनसमर्थन जुटाकर कारपोरेट के पक्ष में काम करते हैं। आजादी से पहले अपने स्थापना काल से लेकर आज तक संघ ने यहीं काम किया है गुलाम भारत में अंग्रेजों के लिए और आज अम्बानी और अडानी जैसे पूंजी घरानों के लिए वह काम कर रहा है। यही कारण है कि आजादी के आंदोलन में एक भी संघी का योगदान नहीं रहा है।

यह बातें आज खजुरा स्कूल कुलडोमरी में संघ-प्रशासन के दमन के विरूद्ध प्रतिकार अभियान के तहत आदिवासी वनवासी महासभा द्वारा आयोजित वनाधिकार सम्मेलन में जनमंच के संयोजक पूर्व आईजी एस आर दारापुरी ने ग्रामीणों से कहीं।

दारापुरी ने कहा कि आरएसएस के राजनीतिक संगठन भाजपा की केन्द्र सरकार और हर राज्य सरकार पूंजी घरानों के हितों में आदिवासियों व वनवासियों का आखेट कर रही है। उनकी बेदखली की जा रही है, मुकदमे लादे जा रहे हैं और बर्बर उत्पीड़न व हमले कराए जा रहे हैं। इनकी सरकारों ने गुजरात से लेकर झारखण्ड़, छत्तीसगढ़, असम समेत उ. प्र. में वनाधिकार कानून को इसलिए विफल कर दिया क्योंकि आदिवासी व वनाश्रित जिन जंगल की जमीनों पर बसे है उन पर पूंजी घरानों की निगाहें है और वह वनाधिकार कानून का लाभ नहीं देना चाहती। इनके विरूद्ध हर जनवादपसंद, देशभक्त व्यक्ति व संगठन को लामबंद होना चाहिए।

व्यक्ति की पहचान नष्ट करता है संघ - दिनकर

इस मौके पर मौजूद स्वराज अभियान के नेता दिनकर कपूर ने कहा कि आरएसएस के लोग जूते के हिसाब से पैर फिट करना चाहते हैं। अपने हिन्दुत्व के माडल में वह भारत की हर विविधता को खत्म कर जबरन शामिल कराना चाहते हैं। वह हिन्दू धर्म के भी विरोधी हैं क्योंकि वह उसके उदार मूल्यों और सुधार के हर पहलू को नष्ट कर देना चाहते हैं। आरएसएस की विचारधारा व्यक्ति को नष्ट और कुंठित करती है। यह चाणक्य नीति की बात करते हैं पर उसकी नैतिकता भी इनके नेताओं में नहीं है।

दिनकर कपूर ने कहा कि आदिवासी की संस्कृति, सभ्यता, भाषा, लिपि और धार्मिक परपम्परा तक को आरएसएस समाप्त कर देना चाहता है। इसके खिलाफ जनांदोलन व जन पक्षधर नीतियों पर आधारित एकजुटता वक्त की जरूरत है।

लागू हो वनाधिकार कानून पर हाई कोर्ट का फैसला

युवा नेता अंकुश दुबे और हरीनाथ खरवार ने कहा कि वनाधिकार कानून में आए हाईकोर्ट के निर्णय को जमीनी स्तर पर लागू कराने के लिए पूरी ताकत से लगा जायेगा और आरएसएस के दमन के खिलाफ जारी प्रतिकार अभियान का हिस्सा बना जायेगा।

की अध्यक्षता वयोवृद्ध आदिवासी जीरजाधन खरवार ने की और संचालन हरीनाथ खरवार ने किया।

सम्मेलन को आदिवासी नेता कृपाशंकर पनिका, पूर्व प्रधान सीतारम खरवार, बालम खरवार, छोटक गुर्जर, शारदा तिवारी, ठेका मजदूर यूनियन जिलाध्यक्ष तेजधारी गुप्ता, राम लल्लू बैगा, सूरजलाल पनिका, सोहन खरवार, अलाउद्दीन शेख, रवि चंद्र ने सम्बोधित किया। सम्मेलन में सैकड़ों की संख्या में आदिवासी व वनाश्रित जुटे थे।

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