आरबीआई रपट (RBI Report) के बाद साबित हुआ नोटबंदी (Demonetization) 70 साल में सबसे बड़ा घोटाला (The biggest scam in 70 years), क्या माफी मांगेंगे मोदी ?

नई दिल्ली, 30 अगस्त। भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से बुधवार को जारी रपट का यदि सही अर्थ निकाला जाए तो नोटबंदी 70 साल में सबसे बड़ा घोटाला है।

रपट के अनुसार, विमुद्रित मुद्रा में से 10,700 करोड़ रुपये वापस बैंकिंग प्रणाली में नहीं लौटे हैं।

इस धनराशि की जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सालाना रपट के आधार पर, आठ नवंबर, 2016 को घोषित नोटबंदी से पूर्व चलन में रहे विमुद्रित नोटों की 15.42 लाख करोड़ रुपये की राशि में से वापस बैंकिंग प्रणाली में लौटी 15.31 लाख करोड़ रुपये की राशि को घटाने के बाद सामने आई है।

रपट में 500 रुपये और 1000 रुपये के लापता नोटों के लिए एक आंशिक विवरण दिया गया है कि आरबीआई में जितने नकली नोट पकड़े गए हैं, उनकी हिस्सेदारी 2016-17 के दौरान के 4.3 प्रतिशत की तुलना में 2017-18 के दौरान 36.1 प्रतिशत के साथ काफी अधिक है।

रपट में कहा गया है कि ऐसा नोटंबदी के जरिए चलन से वापस लिए गए बैंक नोटों की एक बड़ी मात्रा के प्रसंस्करण के कारण है।

कांग्रेस ने नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला, और कहा कि आरबीआई की रपट ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि नोटबंदी एक भयानक आपदा थी। इसके साथ ही कांग्रेस ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर झूठ बोलने के लिए माफी मांगेंगे?

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) ने ट्वीट किया,

"आरबीआई की रपट ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि नोटबंदी मोदी निर्मित भयानक आपदा थी! 99.30 प्रतिशत विमुद्रित धन वापस आ गया! मोदी ने 2017 में स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में लंबे-चौड़े दावे किए थे कि व्यवस्था में तीन लाख करोड़ रुपये वापस आ रहे हैं! मोदीजी, क्या आप इस झूठ के लिए अब माफी मांगेंगे?"