इजराइली आक्रमणकारियों द्वारा फिलिस्तीन की निर्दोष जनता की हत्या के विरोध में साझा जन प्रतिरोध
इजराइली आक्रमणकारियों द्वारा फिलिस्तीन की निर्दोष जनता की हत्या के विरोध में साझा जन प्रतिरोध
लखनऊ 8 अगस्त। सेन्टर आफ इण्डियन ट्रेड यूनियन्स, उ0प्र0 किसान सभा, खेत मजदूर यूनियन, जनवादी महिला समिति, जनवादी नौजवान सभा, स्टूडेन्ट्स फेडरेशन आफ इण्डिया के संयुक्त तत्वावधान में आज गांधी चबूतरा हजरतगंज लखनऊ में भारी संख्या में एकत्र होकर फिलिस्तीन पर होने वाले इजराइली बर्बर हमलों के खिलाफ अपना विरोध व्यक्त किया और फिलिस्तीन जनता के साथ अपनी एकजुटता प्रदर्शिन की।
सभा को सम्बोधित करते हुए सीटू के प्रदेश अध्यक्ष का0 आर0एस0बाजपेयी ने कहा कि यहूदीवादी इजराइली सरकार द्वारा फिलिस्तीन की निर्दोष आवाम की बर्बर हत्या की हम कड़े शब्दों में भर्त्सना करते हैं। हम अमरीका तथा दूसरी साम्राज्यवादी ताकतों की भी निन्दा करते हैं जो यहूदीवादियों को अपने समर्थन के कारण इन हत्याओं के लिए बराबर की जिम्मेदार हैं। ये भयानक और आश्चर्यजनक है कि इजराइली सैन्य शक्तियों के, पिछले 25 दिनों के उनके हमले में, 1500 से ज्यादा लोगों की हत्या की गयी है तथा ये संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। तीन नागरिकों समेत 63 इजराइली सैनिक भी मारे गये हैं। 7000 से ज्यादा फिलिस्तीनी लोग बुरी तरह से घायल हैं। अब तक मारे गये फिलिस्तीनियों में एक तिहाई मासूम बच्चे और महिलायें हैं। सभी अन्तर्राष्ट्रीय समझौतों को तोड़ते हुए स्कूलों, अस्पतालों तथा संयुक्त राष्ट्र संघ के शरण स्थलों पर भी बमबारी की गयी है। ये मानवता के खिलाफ जंग है।
सभा को सम्बोधित करते जनवादी महिला समिति की प्रदेश अध्यक्ष का0 मधु गर्ग ने कहा कि अमरीकी साम्राज्यवाद के सक्रिय रूप से शरीक होने की वजह से इजराइल मौजूदा जंग की तरह सैन्य हमले के द्वारा फिलिस्तीनी जमीन के ऊपर जंग के माध्यम से कब्जा बनाये रखने पर उतारू है। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने दस साल पहले अपने फैसले में, इजराइली दीवार के बनने तथा कब्जा किये हुए पश्चिमी किनारे में उनके राज को, अन्तर्राष्ट्रीय कानून के तहत गैर कानूनी करार दिया है। जिसमें बसने के, जमीन कब्जा करने के, अलग सड़कों के, परमिट की व्यवस्था के तथा आने जाने में रूकावट पैदा करने की बात शामिल है। फिर भी दस सालों में साम्राज्यवादी ताकतों ने योजनाबद्ध तरीके से इजराइल द्वारा कब्जा किये हुए क्षेत्र में निर्माण कार्य जारी रखने तथा फिलिस्तीनी आवाम के खिलाफ कब्जा और उपनिवेशवाद जारी रखने की छूट दे रखी है। इस स्थिति में इस बात को बड़े पैमाने पर लोग मान रहे हैं कि फिलिस्तीनी जनता के साथ दुनिया की जनता की एकजुटता के दबाव से यहूदीवादी इजराइल को अलग थलग किया जाना चाहिए।
सभा को सम्बोधित करते हुए उ0प्र0 किसान सभा के कोषाध्यक्ष का0 मुकुट ने कहा कि नरेन्द्र मोदी की सरकार अमेरिकन साम्राज्यवाद की इजराइल की यहूदीवादी सरकार को समर्थन करने वाले रास्ते पर ही चल रही है, जो कि दुखद है। मोदी सरकार, भारतीय संसद में फिलिस्तीन में जनसंहार की निंदा करने वाले प्रस्ताव को स्वीकार न होने देने पर अटल है। मोदी सरकार का ऐसा कदम भारतीय जनता के लोकतांत्रिक तथा धर्मनिरपेक्ष परम्पराओं की समृद्ध विरासत के खिलाफ है। जिसने पूरे विश्व में कहीं भी मानवता के खिलाफ अत्याचारों के खिलाफ अपनी आवाज उठायी है, चाहे वो दक्षिण अफ्रीका में अलगाव पैदा करने वाले कदम हों, या वियतनाम पर साम्राज्यवादी हमला हो या क्यूबा पर गैर कानूनी प्रतिबंध हों। मोदी सरकार का पाखण्ड इससे भी सामने आता है कि वो गाजा पर इजराइली हमले के खिलाफ ब्रिक्स प्रस्ताव पर दस्तखत करते हैं वहीं दूसरी ओर देशके भीतर उसकी उल्टी दिशा में जाते हैं।
सभा को इसके अतिरिक्त भारत की जनवादी नौजवान सभा के प्रांतीय सचिव राधेश्याम वर्मा, स्टूडेन्ट्स फेडरेशन आफ इण्डिया के सचिव अखिल विकल्प, जनवादी लेखक संघ के जिला सचिव नलिन रंजन सिंह, कलम विचार मंच से ऋषि श्रीवास्तव, कॉड से अतहर हुसैन के अलावा प्रवीन सिंह, पीयूष मिश्रा (नौजवान सभा), अनुपम यादव, सीमा राना जिला सचिव एडवा, सुमन सिंह अध्यक्ष एडवा, सीटू से प्रदीप शर्मा आदि ने भी सम्बोधित किया।


