इतनी बर्बरता ? अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी न हो गई पाकिस्तान हो गया
इतनी बर्बरता ? अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी न हो गई पाकिस्तान हो गया
इतनी बर्बरता ?
अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी न हो गई पाकिस्तान हो गया ? जब चाहा पीट दिया। जब चाहा लहूलुहान कर डाला।
क्या इन बेकसूर छात्रों के पक्ष में कांग्रेस खड़ी होगी? क्या राहुल गाँधी एएमयू विज़िट करेंगे? क्या वे एएमयू के इन छात्रों को 12, तुग़लक लेन आने का न्यौता देंगे? क्या राहुल गाँधी एएमयू के ऊपर किए जा रहे दक्षिणपंथी हमलों के प्रति मुखर विरोध दर्ज करवाएंगे या फिर सॉफ्ट हिंदुत्व की राजनीति ही करेंगे।
आरएसएस का एक सपना था। जो हिंदू हित की बात करेगा वही देश पर राज करेगा। आरएसएस ने भाजपा को सत्ता हासिल करवाई और उससे मनमाने ढंग से धार्मिक राजनीति करवाती रही। कांग्रेस को सत्ता से दूरी सहन नहीं हो रही तो राहुल गाँधी जनेऊधारी बन गए। राहुल गुजरात के हर मंदिर के चौखट पर पहुंचे लेकिन एक भी दरगाह पर उन्होंने हाजिरी नहीं लगाई। मंदिरों का चक्कर लगाने के बावजूद कांग्रेस गुजरात हार गई। राहुल आरएसएस के पाले में खड़े हो कर उसे पराजित करना चाहते थे जो कि असंभव है। रीलिजियस पोलराइजेशन करते वक्त राहुल ने मुसलमानों से दूरी बना ली। यही काम तो संघ करती है। मतलब देश में मुसलमान होना, धोबी का गधा होना है? हमारी कोई राजनैतिक हैसियत नहीं? हमसे नारे लगवाएंगे, हमें भीड़ की तरह इस्तेमाल करेंगे लेकिन हमारे राजनैतिक अस्तित्व की बात करते वक्त कतराएंगे।
राहुल गाँधी जी, कर्नाटका चुनाव प्रचार से पहले एएमयू में हुई हिंसा पर ध्यान दीजिए। वरना इतिहास लिखा जाएगा तो यह दर्ज होगा कि जब संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमले हो रहे थे तब पचास साल से अधिक देश पर शासन करने वाली कांग्रेस और उसके अध्यक्ष तटस्थ हो कर मौज कर रहे थे।
रवीश कुमार के पैरोडी एफबी पेज से साभार
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