इरोम शर्मिला को रिहा किया जाए और अफस्पा हटाया जाए
इरोम शर्मिला को रिहा किया जाए और अफस्पा हटाया जाए
राजघाट पर 30 अगस्त को प्रार्थनासभा का आयोजन
नई दिल्ली। सोशलिस्ट पार्टी ने इरोम चानू शर्मिला की रिहाई के तीन दिन बाद ही फिर से गिरफ्तारी का विरोध करते हुए ध्यान दिलाया है कि 14 साल पहले सन 2000 में इंफाल के एक बस स्टाप पर इंतजार करने वाले 10 निर्दोष नागरिकों को सुरक्षा बलों ने अंधाधुंध गोलीबारी करके मार दिया था। उनमें साठ साल की महिला और एक वीरता पुरस्कार प्राप्त बालक शामिल था।
पार्टी महासचिव व प्रवक्ता डॉ. प्रेम सिंह ने कहा कि सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (मणिपुर और असम) अधिनियम 1958 (अफस्पा) को हटाने की मांग को लेकर पिछले 14 साल से अनशनरत शर्मिला के मामले में मंगलवार को कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ खुदकुशी के प्रयास का मामला नहीं बनता है और उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए। बावजूद इसके पुलिस ने तीन दिन बाद उसी मामले में उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कहा है कि उन्हें मुख्य न्यायिक मजिस्टेट से उनकी न्यायिक हिरासत का आदेश मिला है। सोशलिस्ट पार्टी का मानना है कि शर्मीला की कोर्ट से रिहाई के बाद फिर से गिरफ्तारी उनके मौलिक अधिकार का हनन है और साथ ही रिहाई का आदेश देने वाले कोर्ट की अवमानना है।
लंबी गिरफ्तारी के बाद रिहाई और फिर गिरफ्तारी से इरोम की तबीयत बिगड़ गई है। उन्हें अस्पताल में रखा गया है जहां उन्हें पहले की तरह जबरन नली के जरिए खाना खिलाने की कोशिश हो रही है। पहले से ही स्वास्थ्य की नाजुक हालत के चलते उनकी जान को खतरा है।
डॉ. सिंह ने कहा कि जेल से रिहाई के बाद इरोम शर्मिला ने कहा था कि ‘’मामले के हल के लिए हम सब प्रयास करें, ताकि हम सब साथ रह सकें, साथ खा-पी और सो सकें। मैं कोई शहीद नहीं हूं। मैं सामान्य जन हूं। मैं भी भोजन करना चाहती हूं।" अदालती आदेश के बाद जब गुरुवार को उन्हें रिहा किया गया तो भारी तादाद में नागरिक उनसे मिलने पहुंचेा अहिंसक संघर्ष में भरोसा करने वाले अनेक लोग पूरे देश में उनके साथ हैा जाहिर है, ‘लौह महिला’ के रूप में मशहूर शर्मिला के अहिंसक प्रतिरोध से अफस्पा थोपने वाली केन्द्र और राज्य सरकारें घबरा गई हैं और उन्हें दोबारा गिरफ्तार कर लिया है।
सोशलिस्ट पार्टी ने मांग की है कि इरोम शर्मिला को तुरंत रिहा किया जाए और अफस्पा को हटाया जाएा पार्टी शर्मिला के स्वास्थ्य को लेकर बहुत चिंतित हैा लिहाजा, उनसे अपील करती है कि वे अनशन का रास्ता त्याग कर अफस्पा के खिलाफ अपना संघर्ष करें।
सोशलिस्ट पार्टी 30 अगस्त 2014 को शाम 6 बजे गांधी समाधि राजघाट पर शर्मिला के स्वास्थ्य और रिहाई के लिए प्रार्थना सभा का आयोजन करेगी। पार्टी ने सभी सहमना संगठनों और साथियों से इस कार्यक्रम में शामिल होने का निवेदन किया है।


