उप्र को साम्प्रदायिकता की प्रयोगस्थली बनाना चाहती है भाजपा- करात
उप्र को साम्प्रदायिकता की प्रयोगस्थली बनाना चाहती है भाजपा- करात
मोदी के खिलाफ लड़ाई को उप्र में मौजूदा
सपा सरकार ने कमजोर करने का काम किया है-अखिलेन्द्र
वैकल्पिक नीतियों पर संघर्ष होगा तेज
ज्योति बा फुले पार्क में हुई जन संघर्ष रैली
लखनऊ, 20 नवम्बर 2013, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)- माकपा के महासचिव प्रकाश करात ने कहा है कि यूपीए सरकार की महंगाई, बेरोजगारी बढ़ाने वाली और खेती किसानी को तबाह करने वाली जनविरोघी नीतियों से पैदा हो रहे आक्रोश में देश के कारपोरेट घराने पूरे देश में मोदी के लिए माहौल बना रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि मोदी का विकास और सुशासन कारपोरेट घरानों के हितों को पूरा करने वाला और जनता, किसानों और आम आदमी की लूट का शासन रहा है। भाजपा और आरएसएस यह जानती है कि दिल्ली की गद्दी तक पहुंचने का उसका सपना बिना उप्र के पूरा नहीं हो सकता इसलिए वह उप्र को साम्प्रदायिक राजनीति की प्रयोगस्थली बना रही है और पूरे प्रदेश में साम्प्रदायिक दंगे भड़काने तथा जनता में विभाजन की राजनीति करने में लगी है। हमें उम्मीद है कि प्रदेश की जनता भाजपा और आरएसएस के इन साम्प्रदायिक ताकतों के मंसूबों को विफल कर देगी। का0 प्रकाश करात आज ज्योति बा फुले पार्क में आयोजित जन संघर्ष रैली में मुख्य वक्ता के बतौर बोल रहे थे।
का0 प्रकाश करात ने कहा कि आज सवाल सिर्फ सरकारों को बदलने का नहीं है क्योंकि सरकारों के बदलाव के बाबजूद नीतियां वहीं रहती है और जनता की ज़िंदगी में बदलाव नहीं आता इसलिए वामपंथी दल पूरे देश में समाज के हर तबके की जनपक्षधर वैकल्पिक नीतियों के लिए संघर्ष को खड़ा कर रहे हैं जिसे इस रैली के बाद प्रदेश में वाम-जनवादी दलों की एकता के साथ तेज करना है।
रैली को सम्बोधित करते हुए फारवर्ड ब्लाक के महासचिव का0 देवव्रत विश्वास ने कहा कि वैकल्पिक नीतियों का संघर्ष ही देश में नए विकल्प का आधार बनेगा।
आइपीएफ के राष्ट्रीय संयोजक अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि हिटलर के पुराने रास्ते को अपनाते हुए देश के कारपोरेट घराने नमो-नमो का शोर कर रहे हैं लेकिन इन्हें देश की जनता को बताना चाहिए कि मोदी का राष्ट्र निर्माण में क्या योगदान है। उन्होंने कहा कि यह दुखद है लेकिन सच है कि उप्र में मोदी के खिलाफ लड़ाई को मौजूदा सपा सरकार ने कमजोर करने का काम किया है।
रैली की अध्यक्षता सीपीएम राज्य सचिव मण्ड़ल सदस्य का0 दीनानाथ यादव, आइपीएफ के लाल बहादुर सिंह, फारवर्ड ब्लाक के हंसराज अकेला के अध्यक्ष मण्ड़ल ने की और संचालन सीपीएम नेता का0 प्रेमनाथ राय ने किया। रैली में राज्य कर्मचारियों की जारी हड़ताल का समर्थन करते हुए सरकार से दमन के रास्ते पर जाने के बजाए वार्ता करने और कर्मचारियों के सवालों को हल करने की मांग उठी। रैली के मुद्दे सीपीएम राज्य सचिव का0 एस0 पी0 कश्यप ने रखे। जिसमें गन्ना का 350 रूपए मूल्य तत्काल तय करने, चीनी मिलों को खोलने और गन्ना किसानों के बकाए का तत्काल भुगतान करने, वनाधिकार कानून के तहत वन निवासियों को मालिकाना अधिकार देने, मनरेगा में हर हाल में सौ दिन काम की गारंटी, अवैध खनन पर रोक व खनन का राष्ट्रीयकरण करने, ठेका मजदूरों के स्थायीकरण, किसानों के कर्जा माफी, अल्पसंख्यक आयोग का गठन, पिछड़े मुसलमानों के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में से अलग आरक्षण कोटा देने, कोल को आदिवासी का दर्जा देने, न्यूनतम मजदूरी 11000 तय करने जैसे मुद्दों को उठाया गया है। इन मांगों को मुख्यमंत्री, उ0 प्र0 को ज्ञापन के रूप में भेजा जायेगा।
रैली को पूर्व सासंद और सीपीएम केन्द्रीय कमेटी सदस्य का0 सुभाषनी अली, सीटू के राष्ट्रीय सचिव का0 जेएस मजूमदार, किसान नेता का0 डी0 पी0 सिंह, फारवर्ड ब्लाक के शिवनारायण सिंह चौहान, आइपीएफ के दिनकर कपूर, अजीत सिंह यादव आदि ने सम्बोधित किया।


