NHRC report reveals, 16 women sexually assaulted by policemen in Chhattisgarh

Cops raped 16 tribals in Bastar in November 2015, says NHRC report

नई दिल्ली,08 जनवरी। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा किया है। रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ के बस्तर में पुलिसकर्मियों द्वारा 16 आदिवासी महिलाओं का बलात्कार किए जाने का दावा किया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि नवंबर 2015 में पुलिसकर्मियों ने बीजापुर जिले के पेगदापल्ली, चिन्नागेलुर, पेद्दागेलुर, गुंडम और बर्गीचेरू गांवों में आदिवासी महिलाओं को अपनी हैवानियत का शिकार बनाया है। इसके साथ ही पुलिसकर्मियों ने महिलाओं के साथ यौन शोक्षण और शारीरिक हमला भी किया है।

बताया जा रहा है कि मानवाधिकार आयोग ने स्पॉट इन्वेस्टिगेशन और न्यूज रिपोर्ट्स के जरिए पुलिसकर्मियों की ओर से की गई ज्यादती की जानकारी मिलने पर जांच शुरू की थी।

आयोग ने कहा कि उसे 34 महिलाओं की तरफ से शारीरिक शोषण जैसे रेप, यौन उत्पीड़न, शारीरिक उत्पीड़न की शिकायतें मिलीं और हर मामले में आरोप सुरक्षाकर्मियों पर लगाए गए हैं। इसके साथ ही जांच में आयोग ने पाया कि पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करते समय एसटी-एससी एक्ट का पालन नहीं किया जिसकी वजह से पीड़ित महिलाओं को आर्थिक राहत नहीं मिल सकी है। फिलहाल आयोग की तरफ से की जा रही जांच के लिए 20 अन्य उन महिलाओं के बयान रिकॉर्ड किए जाने हैं, जिनके साथ सुरक्षाबलों ने दुराचार का प्रयास किया था।

The Human Rights Commission has issued a notice holding the state government responsible for these abusive atrocities on women.

मानवाधिकार आयोग ने महिलाओं पर हुए इस घिनौने अत्याचार के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया हुए नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव से पूछा है कि आखिर सरकार की ओर से पीड़ितों के लिए 37 लाख रुपए का इंटरिम बजट क्यों नहीं पास किया जाना चाहिए। जिसके तहत रेप की शिकार 8 महिलाओं को 3-3 लाख रुपए, यौन उत्पीड़न की शिकार 6 महिलाओं को 2-2 लाख और बाकी को 2 महिलाओं को 50-50 हजार रुपए देना शामिल है।

बस्तर में आदिवासी महिलाओं पर पुलिसकर्मियों की ओर से की गई इस हैवानियत ने छत्तीसगढ़ को शर्मसार कर दिया है। ऐसे में रमन सिंह सरकार पर सवाल उठने लाज़मी हैं।