“बराक ओबामा, भारत से दूर हटो” के नारों के साथ वामदलों ने स्वागत किया ओबामा का
नई दिल्ली। जहां राष्ट्रवाद की हुंकार भरने वाली केंद्र की मोदी सरकार अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के स्वागत में लहालोट हुए जा रही है और दिल्ली से लेकर आगरा तक सड़कों का थूक साफ कराकर ओबामा के स्वागत के लिए लाल कालीन बिछा रही है, वहीं दूसरी ओर आज वामपंथी दलों ने “बराक ओबामा, भारत से दूर हटो”, “भारतीय गणतंत्र पर अमेरिकी खूनी पंजे मंजूर नहीं” के नारे लगाते हुए ओबामा के स्वागत में विरोध प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार को चेताया कि वह भारत की सुरक्षा के साथ विश्वासघात करके अमेरिका के सामने घुटने न टेके।
दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, फॉरवर्ड ब्लॉक, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) और सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (SUCI) ने प्रदर्शन किया और बराकओबामा का पुतला फूँका।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)-माकपा ने कहा है कि ओबामा की यात्रा के दौरान अमेरिका के हितों को खुश करने के लिए मोदी सरकार द्वारा विभिन्न चालें चली जा रही हैं। मोदी सरकार भारतीय संसद द्वारा पारित नागरिक परमाणु दायित्व अधिनियम को नाकाम करने के तरीके खोजने के लिए अमेरिकी अधिकरियों से बातचीत कर रही है।
किसी दुर्घटना पर आपूर्तिकर्ताओं से मुआवजे के अधिकार (The right to recourse for suppliers liability) पर संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा पर आपत्ति की गई है। भाजपा ने इस कानून का संसद् में समर्थन किया था। अब अमेरिका की ओर से एक परमाणु दुर्घटना के मामले में लोगों के लिए इस प्राथमिक रक्षा के कानून को समाप्त करने का जोर डाला जा रहा है। पार्टी ने मांग की है कि कानून के पत्र और भावना का सम्मान किया जाना चाहिए और भारत सरकार अन्य संस्थाओं पर बोझ डालने के लिए कोई भी कदम नहीं उठाना चाहिए।
माकपा ने रक्षा फ्रेमवर्क समझौते (Defence Framework Agreement) के और दस वर्ष के नवीनीकरण परअपनी तीखा विरोध जताया है। पार्टी ने अपनी विज्ञप्ति में कहा है- “The Framework Agreement signed in 2005 contained provisions such as the Logistics Support Agreement and the Communications and Information Security Memorandum of Agreement (CISMOA) which would have made India a military ally of the US on par with its NATO allies. The Modi government should desist from signing the Defence Agreement which is against the interests of the country and its strategic autonomy.”
माकपा ने कहा है- “The US is pressing India to dilute its patent regime and Intellectual Property Rights regulation. This is meant to facilitate US multinational drug companies making super profits in India and will result in drugs becoming more expensive for the people. The Obama visit should not result in any concessions to the US in this regard as also giving any special treatment to US investments with regard to tax liabilities.”