ओम्पुरी का अवसान : एकदम अकेली हो गई शबाना।

ओम्पुरी का अवसान सांस्कृतिक आंदोलनों के कोरे कैनवास को बेपरदा कर गया।

पलाश विश्वास

शबाना आज़मी की तरह हमारा ओम पुरी के साथ लंबा कोई सफर नहीं है। ओम्पुरी के निधन के बाद शबाना स्टब्ध सी हैं और मीडिया को कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हैं। तडके सुबह ये खबर आई कि बॉलीवूड अभिनेता ओमपुरी को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है।

आज सुबह दिल का ताज़ दौरा पड़ने से उनका उपनगरीय अंधेरी स्थित अपने घर पर निधन हो गया।

66 साल के ओमपुरी के निधन की खबर से पूरा बॉलीवूड, रंगकर्मी दुनिया अब सन्न है।

ओम्पुरी का पूरा नाम ओम राजेश पुरी है। वह 66 वर्ष के थे।

ओम पुरी का जन्म 18 अक्टूबर 1950 में हरियाणा के अम्बाला शहर में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने ननिहाल पंजाब के पटियाला से पूरी की।

1976 में पुणे फिल्म संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ओम्पुरी ने लघु फिल्म संस्थान से प्रशिक्‍षण प्राप्त करने के बाद ओम्पुरी ने लगभग डेड वर्ष तक एक स्टूडियो में अभिनाय की शिक्षा दी। बाद में ओम्पुरी ने अपने निज़ी थिएटर समूह "मजमा" की स्थापना की। ओम पुरी ने नए सिनेमा के दौर में सुफ़ीअय्यों में आए थे।

हाशिमपुरा मलियाना नरसंहार के बाद नई दिल्ली से पैदल चलकर आजमगढ़ की बेटी शबाना आज़मी ने राजा बहुगुणा, शमशेर सिंह बिष्ट, शंकरगुहा नियोगी जैसे प्रिय जनों के साथ मेरे पहुँचकर जनसभाओं को संदर्भित किया था।

तब मंच पर शबाना आज़मी से संक्षिप्त सी मुलाकात हुई थी...